शहर के निजी स्कूल पांचअप्रैल से नया सत्र शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। मंगलवार को निजी स्कूलों के संगठन-‘अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन’ (अप्सा) की हुई वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में प्रदेश के अन्य जिलों के स्कूलों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।
एक साल बाद पहली बार ऐसा होगा जब स्कूलों में एक साथ मॉन्टेसरी से लेकर कक्षा 12 तक के छात्रों की पढ़ाई शुरू होगी। हालांकि जूनियर कक्षाओं के लिए अभी ऑनलाइन पढ़ाई का क्रम भी समानांतर जारी रहेगा। स्कूल खोलने का निर्णय लेने के बाद स्कूलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। अप्सा के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि शासन ने चार अप्रैल तक कक्षा आठ तक के विद्यालयों को बंद रखने का आदेश दिया है। इसका पालन करते हुए नए शैक्षणिक सत्र में पांच अप्रैल से सभी स्कूल खुल जाएंगे। हालांकि स्कूल अपनी सहूलियत के अनुसार एक अप्रैल से खुलेंगे तो उनमें प्रशासनिक कार्य होगा। विधिवत पढ़ाई पांच से ही प्रारंभ होगी। इस दौरान जिन स्कूलों में रिजल्ट जारी नहीं हुए हैं, वहां स्टाफ रिजल्ट तैयार करने से लेकर दाखिले की प्रकिया पूरी करेगा।
सीनियर कक्षाओं में होगी फुल स्ट्रेंथ
अनिल अग्रवाल ने बताया कि सीनियर कक्षा नौ से 12 तक में फुल स्ट्रेंथ में पढ़ाई शुरू होगी। जबकि मॉन्टेसरी से कक्षा आठ तक के आधे-आधे छात्रों को बुलाया जाएगा। वहीं जिन स्कूलों में इंफ्राट्रक्चर बढ़िया है वे फुल स्ट्रेंथ में बच्चों को बुला सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान ऑनलाइन गतिविधियां भी जारी रहेंगी। एक-डेढ़ हफ्ते बाद इनमें भी सभी बच्चे एक साथ आना शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना की रोकथाम के सारे इंतजाम पूर्व की भांति ही किए जाएंगे। मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रहेगा। वहीं कई स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने छोटे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों से सहमति मांगी है।
मिशनरी स्कूलों में पढ़ाई छह से
वहीं मिशनरी स्कूलों में पढ़ाई छह और सात अप्रैल से शुरू होंगी। यहां पर गुड फ्राइडे को लेकर आयोजन व तैयारियां चल रही हैं। इसके बाद ही कुछ छह तो कुछ सात अप्रैल से खुलेंगे। कैथेड्रल, ला मार्ट, सेंट फ्रांसिस समेत अन्य मिशनरी स्कूल छह और सात अप्रैल से खुलेंगे।
टीकाकरण के लिए शासन को भेजी जाएगी सूची
अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षकों और कर्मचारियों को कोविड टीका लगाने के लिए शासन को लिस्ट भेजी जाएगी। स्कूलों से इसका ब्यौरा मांगा गया है। शिक्षकों की सूची शासन को भेज दी जाएगी, जिनकी टीका लगाने की व्यवस्था अस्पताल में की जाएगी। टीकाकरण होने से अभिभावकों का विश्वास भी बढ़ेगा।