लखनऊ : शासन ने स्पष्ट किया है कि उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जिन भर्तियों के विज्ञापन एक फरवरी, 2019 से पहले जारी हो चुके हैं लेकिन लिखित परीक्षा नहीं हुई है, उनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए
आरक्षण अधिनियम, 2020 के तहत 10 फीसद आरक्षण का प्रविधान लागू होगा। शासन की ओर से यह मार्गदर्शन मिलने के बाद आयोग की चार लंबित भर्तियों में आरक्षण का पेच सुलझने के साथ रास्ता भी साफ हो गया है।अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण दिया गया है। इसमें कार्मिक विभाग ने 18 दिसंबर, 2019 को शासनादेश जारी किया था। आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने बताया कि शासनादेश में कहा गया था कि लोक सेवाओं में सभी श्रेणियों में सीधी भर्ती के पदों पर आरक्षण की यह व्यवस्था एक फरवरी, 2019 या इसके बाद अधिसूचित/विज्ञापित होने वाली रिक्तियों पर लागू होगी।