कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना टीकाकरण कराने वाले सरकारी और प्राइवेट संस्थानों के कर्मचारियों को उस दिन का अवकाश दिया जाए। साथ ही सीएम योगी ने स्कूल की छुट्टियां भी चार अप्रैल तक बढ़ा दी हैं। सीएम योगी ने कक्षा एक से आठ तक सभी परिषदीय व निजी स्कूल चार अप्रैल तक बंद रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि अन्य विद्यालयों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाए। प्रदेश सरकार ने अभी तक 31 मार्च तक स्कूल बंद करने के आदेश दिए थए, जिसे अब बढ़ा दिया गया है।
मुख्यमंत्री मंगलवार शाम उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कोरोना टेस्टिंग का कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। कोविड-19 के सन्दिग्ध मामलों में अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर टेस्ट किये जाएं। फोकस टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। बालिका संरक्षण गृह, वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम, रेजिडेन्शियल स्कूल आदि में कोविड-19 की टेस्टिंग प्राथमिकता पर की जाए।
हर गांव में बनें वार्ड समितियां
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में निगरानी समितियों को पूरी तरह सक्रिय करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर गांव तथा वार्ड में निगरानी समितियां गठित की जाएं। कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के अधिक से अधिक संपर्कों को चिन्हित करते हुए ऐसे लोगों की जांच करायी जाए।
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर स्थिति का आकलन करते हुए आवश्यकतानुसार कोविड चिकित्सालयों की संख्या में वृद्धि की जाए। इसके तहत पहले चरण में सरकारी अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड चिकित्सालय के रूप में पुनः एक्टिवेट किया जाए। उन्होंने जिला स्तर पर स्थापित इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेण्टर को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड टीकाकरण का कार्य भारत सरकार की गाइडलाइन्स और क्रम के अनुरूप संचालित किया जाए। वैक्सीनेशन कराने वाले सरकारी कर्मियों को टीकाकरण की तिथि पर एक दिन का अवकाश अनुमन्य किया जाए। इसी प्रकार निजी सेक्टर के कर्मियों के लिए अवकाश की व्यवस्था करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि मेडिकल कॉलेज सहित सभी चिकित्सा संस्थानों तथा सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में अग्निशमन प्रबन्धों का ऑडिट प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी स्तर पर शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए।