प्रयागराज : प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य भर्ती 2013 की प्रक्रिया काफी जद्दोजहद और मुकदमेबाजी के बाद किसी तरह शुरू तो हुई लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का पालन होना भी नामुमकिन दिख रहा है। कोर्ट ने 24 नवंबर और तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 31 जनवरी तक भर्ती पूरी करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद चयन बोर्ड ने 599 पदों के लिए 25 फरवरी 2014 तक लिए गए ऑफलाइन आवेदन पत्र को ऑनलाइन करते हुए अभ्यर्थियों को आठ जनवरी तक सत्यापित करने के निर्देश दिए। ऑनलाइन आवेदन पत्र में तमाम त्रुटियां होने की शिकायत मिलने पर बोर्ड ने 16 जनवरी तक संशोधन का मौका दिया जो बीत चुका है। अब सत्यापित आवेदन पत्रों की जांच की जा रही है जिसमें दो से तीन दिन और लगने की उम्मीद है।
उसके बाद नियमानुसार दस दिन पहले साक्षात्कार पत्र भेजना पड़ेगा। प्रत्येक पद पर सात अभ्यर्थियों के हिसाब से कुल 4193 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेने के बाद 31 जनवरी तक परिणाम घोषित करना अब नामुमकिन है। सूत्रों के अनुसार चयन बोर्ड अब हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगने की तैयारी कर रहा है। आठ साल बाद भी भर्ती में देरी से अभ्यर्थियों में खासी नाराजगी है।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य नहीं चाहते पूरी हो भर्ती
चयन बोर्ड से नियमित प्रधानाचार्यों का चयन नहीं के कारण कार्यवाहक के रूप में काम कर रहे प्रधानाचार्य भी नहीं चाहते की भर्ती पूरी हो। दरअसल कार्यवाहक प्रधानाचार्य को छह महीने बाद नियमित प्रधानाचार्य का वेतनमान मिलने लगता है। उसी पद से कार्यवाहक के रूप में सेवानिवृत्त होने पर पेंशन में भी लाभ मिलता है।