शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी में न लगाएं, आरक्षित पूल में ही रखें

निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों, अनुदेशकों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगाने से रोक लगाई है। आयोग के इस आदेश के बाद मतदान दल  गठन की लगभग पूरी तैयारी कर चुके जिला निर्वाचन अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है।



आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला को निर्देश दिए हैं कि मंडलीय पूल से प्राप्त कर्मियों का पूरा उपयोग होने के बाद ही शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जहां तक संभव हो इन्हें आरक्षित पूल में रखा जाए। खासतौर पर शिक्षा मित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय और अन्य कर्मियों को मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में ही नियुक्त करने के निर्देश दिए है।


उधर, प्रदेश में कोविड गाइडलाइन के अनुसार मतदान केंद्रों का गठन होने से मतदान केंद्रों की संख्या करीब 11 हजार बढ़ गई है। 1.74 लाख मतदान केंद्रों पर चुनाव ड्यूटी लगाने के लिए पहले ही कर्मचारियों की कमी थी। ऐसे में 1.37 लाख शिक्षा मित्रों, 27 हजार से अधिक अनुदेशकों, 1.90 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 35,248 रोजगार सहायकों को चुनाव ड्यूटी से बाहर रखने के निर्देश से मतदान दल गठन में परेशानी होगी। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग शिक्षा मित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।