इसके 13 दिन बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) प्रस्तावित थी, जिसे कराने की तैयारी में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती के सफल अभ्यर्थियों की सूची कहीं पीछे रह गई और यूपीटीईटी पर्चा लीक होने के कारण नहीं हो सकी। यूपीटीईटी का प्रश्नपत्र परीक्षा के दिन इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। पुष्टि होने के बाद परीक्षा रद कर दी गई। इसे विपक्षियों ने मुद्दा बनाया, जिससे सरकार पर भी प्रश्न उठे। परीक्षा रद होने की जांच एसटीएफ ने शुरू की। पीएनपी के तत्कालीन सचिव भी जांच के घेरे में आए।
पूछताछ किए जाने और उन पर कार्रवाई किए जाने की प्रक्रिया के बीच जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती के परिणाम की कोई पूछ परख नहीं हुई। शासन ने अनिल भूषण चतुर्वेदी को नया सचिव बनाकर भेजा। उसके बाद यूपीटीईटी 23 जनवरी को नए सिरे से कराए जाने की तिथि घोषित हो गई। ऐसे में नए सचिव परीक्षा कराने के लिए केंद्रों का नए सिरे से निर्धारण, प्रश्नपत्र तैयार कराने, उसके प्रकाशन के लिए एजेंसी चयन आदि कार्यों में व्यस्त हो गए, क्योंकि यह परीक्षा अब चुनौतीपूर्ण हो गई है।
यूपीटीईटी की आंच में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती अटक गई। सरकार चुनावी मोड में आ गई, जिससे शिक्षक भर्ती परिणाम घोषित करने के बावजूद प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। अब भी कोई बोलने को तैयार नहीं है और परेशान अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए।