1.24 लाख शिक्षामित्रों मामले में आखिर अब तक टीम सिद्धार्थनगर की रिट जिंदा क्यों है? पढ़ें

*१२४००० टीम सिदार्थ नगर की रिट अभी तक क्यों जिंदा है? और कैसे केस ने मेरिट तक जाने में और ५०% लड़ाई अपने पक्ष में आया?क्यों कुछ लोग खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे वाली कहावत को जिंदा कर रहे हैं*

 *क्यो अब तक पिछले ९ माह से सबकी जितने भी तथा कथीत धुरन्दर लोग थे सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट से अपनी रीट खारिज करवाने के बाद भी अभी तक आम लोंगो को गुमराह करने का काम कर रहे हैं कि १२४००० कुछ नहीं है और आम शिक्षा मित्रों को टीम सिदार्थ नगर को सहयोग करने से मना कर के लोंगो की जिंदगी से खेल रहे हैं जबकि सच्चाई ये है कि अगर ये कथित लोग गुमराह नही करते और हम लोगो को अपेक्षित सहयोग मिला होता तो अब तक हमारा केस फाइनल हो चुका होता कुछ पॉइंट पर आप सब लोग मनन करें कि क्यो टीम सिदार्थ नगर की रीट इस मुकाम तक पहुची है और अपनी मंजिल तक पहुचने के कगार पर है* *१-समायोजन रद्द होने का पहला कारण टेट था*
 *हमने कोर्ट और सरकार से पूछा है कि हम SSA के तहत नियुक्त हैं?हम १९८१ नियमावली में आते है? तो हमे बताया जाए हम पर टेट लागू होता है कि नहीं?*
*सरकार का जबाब क्या होगा?आप लोग समझ दार हैं जिसके सारे पत्रक कोर्ट को उपलब्ध करा दिया गया है*
*२- दूसरा कारण शिक्षा मित्रों की नियुक्ति क्यों कि गई और उस समय नियुक्ति की मिनिमम अहर्ता क्या थी?*
 *इसका भी जबाब आप सब को अच्छी तरह से मालूम होगा और इसका भी सारा पत्रक कोर्ट को उपलब्ध करा दिया गया है*
*३- तीसरा कारण मेरिट बना कर सबको समानता का अधिकार नही देते हुए नियुककती नही हुई और किसी खाली पद के सापेक्ष भी नही हुई (उमा देवी कानून के तहत)*
 *इसका पत्रक तात्कालिक १९८१ नियमावली संसोधन जो उस समय RTE एक्ट २००९ लागू नही हुआ था और सारी शक्ति नियुक्क्त करना या बेसिक शिक्षा में कुछ भी करना सब प्रदेश सरकार के हाथ मे था और नियुकक्ति उस समय के नियम के अनुसार खाली पदों के सापेक्ष हुई थी*
*४-संविदा कर्मचारी उसी पद पर दुबारा या उसी काम के लिए नियुक्क्त नही हो सकता संविदा ज्यादा से ज्यादा कितने समय के लिए होती है*
 *इसका जबाब सुप्रीम कोर्ट का ही एक आर्डर जिसमे कहा गया है संविदा केवल ३ माह से ६ माह तक होती है इस से ज्यादा रखेगा तो उसको नियमित करना होगा और अगर संविदा पर ही रखना है तो उसको तय समय मे रिन्यूअल करना होगा हमारे केस में हमारा रिन्यूअल २००७ से बंद हो गया है कोर्ट से प्रेयर किया गया है कि हमे उसी पद पर स्थायी किया जाए और जो सैलरी प्रदेश के एक शिक्षक को मिनमन १९८१ नियमानुसार है दिया जाये (यहाँ बताना जरूरी है कि हम लोग C श्रेणी के अध्यापक के श्रेणी में आते है जो बर्तमान में सहायक अध्यापक पद है RTE एक्ट २००९ के अनुसार D श्रेणी का कोई अध्यापक नही होता है )*
*और जिसका बेतन ३८८७८ रुपए केंद्र सरकार १२४००० को जारी कर रही है*
*५- सबसे बड़ा कारण रहा जो कल के तथा कथित नेता लोग पूर्वती सरकार पर जबरन दबाव बना कर RTE एक्ट २००९ के बिपरीत जा कर जिसमे केवल १२४००० को ही स्थाई करने को कहा था अपनी दुकान चलाने के लीये १७२००० को शामिल करवाया वही संसोधन अल्ट्रा वायरस साबित हुआ जबकि हमारी पिछले दिनों पूर्ब मुख्य मंत्री जी और शिक्षा मंत्री जी से विस्तृत चर्चा में निकल कर आई उनोने कहा कि हाई कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद उनोने  उस समय कहा था कि १२४००० को स्थायी कर देते है नियम के अनुसार बाकी के लिए बिभागी टेट आयोजन कर देते है लेकिन ये लोग नही माने और सुप्रीम कोर्ट जाने का दबाव बनाने लगे दबाव में आ कर हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा उसके बाद भी आप लोंगो का एक नेता बी जे पी के लिए २०१७ में कंपेनिंग करने लगा आप सब को अध्यादेश का सपना दिखा कर आज ये हालत कर दी है*
*साथियो अगर अब भी आप लोगो की आंखे खुल गई हो तो और आप लोग चाहते हो कि जल्द से जल्द फैसला अपने हक़ में आये तो आप लोग अपने अंतर मन से बिना किसी राजनीति दबाव के आर्थिक सहयोग करें नहीं तो जो एक उमीद की आखरी किरण बची है हम लोग भी छोड़ कर घर बैठ जाएंगे अगली डेट का LP मिश्र जी को फीस देने का इंतज़ाम नही है हमारे पास सहयोग केवल कुछ एक्टिव साथियो को छोड़ कर नही आ रहा है हम लोग भी अपने घर से लगा कर खाली हो चुके हैं अब जब तक अगली दो डेट का पैसा LP मिश्रा जी के पास नही जमा होगा वो कोर्ट में नही खड़े होंगे*
*अब हमारे पास केवल दो ही विकल्प बचे है कोर्ट और धरना मीडिया के अच्छी कवरेज के साथ तभी हम लोग सिंगल बेंच के आर्डर को लागू करवा सकते हैं जो आगामी कुछ डेट के बाद होगा और ये आप सब के आर्थिक सहयोग पर है कि हम हर डेट पर LP मिश्रा जी को खड़ा करें पैसे की वजह से हम लोग जुगाड़ न सोचें*
*एक और निवेदन आप लोग अब तो १२४००० के लिए भरम न पालें ये सही है और कोर्ट सरकार बिपक्ष अच्छी तरह जान चुके हैं जो प्रत्येक १२४००० में आते है टीम सिदार्थ नगर को सहयोग करें*
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