लखनऊ : शासन ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती
की प्रक्रिया को खत्म करने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस
बारे में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत
66,655 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है जबकि 6170 पद खाली रह गए हैं।
यह रिक्त
पद आरक्षित श्रेणी के हैं। 1शासन ने यह फैसला इसलिए किया है क्योंकि यह
भर्ती बीएड और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए की गई थी। परिषदीय
प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए 30 नवंबर, 2011 को
विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। शासन का तर्क है कि राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद ने बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को एक जनवरी 2012 तक नियुक्त
करने की समयसीमा तय की थी जिसे बाद में 31 मार्च 2014 तक बढ़ाया गया था।
यह समयसीमा बीत चुकी है। फिलहाल बीएड की योग्यता परिषदीय प्राथमिक स्कूलों
में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मान्य नहीं है। इसके अलावा इस भर्ती के
लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) वर्ष 2011 में आयोजित की गई थी। टीईटी
प्रमाणपत्र की वैधता अवधि पांच साल होती है। यह अवधि भी बीत चुकी है।
1सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शासन चाहे तो नया विज्ञापन
निकाल कर रिक्त पदों पर नियमानुसार नियुक्ति कर सकता है। इस बीच शासन ने
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए लागू नियमावली में संशोधन कर दिया। प्राथमिक
शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी गई। रिक्त पदों पर
भर्ती के लिए नियमावली में फिर से संशोधन करना होगा। इसलिए शासन ने बचे हुए
पदों पर भर्ती का औचित्य न पाते हुए 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
पर पर्दा गिराने का फैसला किया है।
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