रामपुर।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के नवनियुक्त शिक्षकों को छह से आठ माह
से वेतन नहीं मिला है। लेखाधिकारी की मनमानी से शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ
रहे हैं। घर खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक प्रभावित हो रही है। शिक्षक
संघ भी कई बार मांग कर चुका है, लेकिन इसके बाद भी वेतन जारी करने के लिए
कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।
सपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा विभाग की
ओर से संचालित कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति चयन बोर्ड द्वारा की गई
थी। प्रदेशभर में करीब आठ हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, जिसमें से कई
शिक्षकों की तैनाती रामपुर में हुई थी। इन शिक्षकों ने पिछले साल
अगस्त-सितंबर में ज्वाइन भी कर लिया था। सभी शिक्षकों का सत्यापन भी हो
चुका है, लेकिन छह माह से अधिक समय बीतने के बाद भी इनका वेतन जारी नहीं हो
सका है। विभाग के बाबू की मनमानी की वजह से शिक्षकों का वेतन फंस गया है।
दरअसल, लेखा बाबू ने शिक्षकों के वेतन प्रमाण पत्र ही जारी नहीं किए हैं।
इसके चलते शिक्षकों के वेतन बिल नहीं बन सके हैं, इससे लेखाधिकारी वेतन
निकालने में नाकाम हैं। इस बाबत माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से भी कई बार
मांग की जा चुकी हैं। ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन विभागीय स्तर पर इसमें कोई
कार्रवाई नहीं की गई। शिक्षकों को छह से आठ माह से वेतन न मिलने की वजह से
आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। हाल यह है कि शिक्षक घर खर्च से लेकर
बच्चों के एडमीशन तक के लिए परेशान हैं। कई शिक्षक अपने बच्चों की स्कूल
फीस भी नहीं चुका सके हैं। ऐसे में आर्थिक समस्या के साथ ही शिक्षक मानसिक
दबाव में भी हैं। इस बाबत प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक सर्वदानंद से
संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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