अब परिषदीय स्कूलों में साल में चार एग्जाम होंगे

 परिषदीय स्कूलों के छात्रों को इस सत्र से दो के बजाए चार एग्जाम देने होंगे. अब उन्हें हाफ इयरली और एनुअल के साथ ही दो टर्म एग्जाम भी देने होंगे. सितंबर माह में होने वाले टर्म एग्जाम की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं.
इस तरह अब जिले के 1850 स्कूलों में 12 दिन तक स्टूडेंट्स को एग्जाम देना होगा. दस सहायता प्राप्त व स्ववित्त पोषित स्कूलों को भी यह एग्जाम कराने होंगे.

लर्निग आउटकम जांचेंगे

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो छात्रों के लर्निग आउटकम (सीखने की क्षमता) को जानने के लिए यह एग्जाम कराए जाएंगे. इन एग्जाम में स्टूडेंट्स को मा‌र्क्स के साथ ग्रेड भी दिया जाएगा. माना जा रहा है कि यह एग्जाम उन स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा जो पढ़ने में कमजोर हैं. वे हाफ इरयली और एनुअल एग्जाम से पहले अपनी तैयारियों को जांच सकेंगे. वहीं शिक्षकों को यह फायदा होगा कि वे अपनी क्लास के कमजोर बच्चों को चिन्हित कर उनकी पढ़ाई सुधारने में अपना योगदान कर सकेंगे.

शिक्षा विभाग बनाएगा टीम

परीक्षा के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से खंड शिक्षा अधिकारियों व शिक्षकों की एक टीम भी बनाई गई है. यह टीम परीक्षा से पहले पूरी तैयारियों की हर तीसरे दिन समीक्षा करेगी. टीम में जिले के विभिन्न खंड क्षेत्र के सात प्रिंसिपल को भी शामिल किया गया है.

डायट तैयार करेगा प्रारूप

स्टूडेंट्स की बौद्धिक क्षमता जानने के लिए दिए जाने वाले पेपर डायट के माध्यम से तैयार किए जाएंगे. शिक्षा अधिकारियों ने जानकारी दी कि डायट में प्रश्न पत्रों का प्रारूप तैयार करने का काम शुरू हो गया है. प्रारूप के आधार पर ही शिक्षक विषयों के अलग-अलग प्रश्न पत्रों को तैयार करेंगे. प्रश्न पत्रों में स्टूडेंट्स के बौद्धिक स्तर के आधार पर तार्किक प्रश्नों को भी जोड़ा जाएगा.

राजधानी में विशेष एग्जाम शुरू

परिषदीय विद्यालय के छात्रों की विशेष परीक्षाओं का आयोजन 25 जुलाई से शुरू हो गया है. इसमें क्लास तीन, पांच और आठ के बच्चों की हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय की परीक्षा कराई जा रही है. बीएसए डॉ. अमर कांत सिंह ने बताया कि परीक्षा सुबह 10:30 बजे से 12:30 बजे तक हो रही है. वहीं राजधानी को मॉडल मानते हुए प्रदेश के बाकी जिलों में अपने-अपने डायट से संपर्क कर अगस्त में यह एग्जाम करने को कहा गया है.