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एलटी ग्रेड भर्ती में बायोलॉजी विषय पर मांगा जवाब, याचिका में 29 जुलाई को होने जा रही भर्ती परीक्षा निरस्त कर नए सिरे से विज्ञापन निकालने की मांग की

इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में जीव विज्ञान विषय की लिखित परीक्षा कराए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पीएससी (उप्र लोकसेवा आयोग), माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
जीव विज्ञान यानी बायोलॉजी विषय को समाप्त कर विज्ञान विषय में शामिल कर लिया गया है, जबकि यूपी पीएससी की ओर से 29 जुलाई को होने जा रही एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में बायोलॉजी विषय को भी शामिल किया गया है। जिसे याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है। याचिका की सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने इलाहाबाद के विमल चंद्र तिवारी व 17 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा और अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की। याची का कहना है कि यूपी पीएससी की ओर से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 29 जुलाई को प्रस्तावित है। यूपी पीएससी ने 15 मार्च 2018 को जारी विज्ञापन में बायोलॉजी विषय के सहायक अध्यापकों की भर्ती को भी शामिल है। याचियों ने बायोलॉजी विषय के लिए आवेदन किया है लेकिन, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र ने नौ जुलाई 2018 के पत्र से माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को सूचित किया है कि बायोलॉजी विषय समाप्त कर दिया गया है। अब केवल विज्ञान विषय है। जिसमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान शामिल है। अलग से बायोलॉजी (जीव विज्ञान) विषय नहीं है।
इसी आधार पर चयन बोर्ड ने 2016 की भर्ती को निरस्त कर दिया है। ऐसे में यूपी पीएससी की ओर से बायोलॉजी विषय की भर्ती का विज्ञापन निकालने का औचित्य नहीं है। याचिका में 29 जुलाई को होने जा रही भर्ती परीक्षा निरस्त कर नए सिरे से विज्ञापन निकालने की मांग की गई है। याची का कहना है कि जब तक विज्ञान विषय की योग्यता का निर्धारण नहीं कर लिया जाता तब तक भर्ती न की जाए।

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