लखनऊ। सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद होने के बाद
शिक्षामित्रों का उबाल बढ़ता जा रहा है। सोमवार को प्रदेशभर में शिक्षा
कार्य का बहिष्कार कर शिक्षामित्र सड़कों पर हुंकार भरते रहे। जगह-जगह
प्रदर्शन हुए। राजमार्ग जाम करने के साथ ही रेल सेवा प्रभावित की गई।
इस
बीच कुछ और शिक्षामित्रों की मौत हो गई जबकि कुछ ने आत्महत्या का प्रयास
किया। वहीं, हजारों की संख्या में शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल
के नाम ज्ञापन सौंपकर इच्छामृत्यु मांगी है।
बागपत के जिवाना गुलियान गांव निवासी शिक्षामित्र मीनाक्षी
(35) की सदमे से मौत हो गई। फैजाबाद में सोहावल के इस्माइल नगर दोस्तपुर
निवासी शिक्षामित्र रामविशाल पांडेय की मां मंगला देवी (65) की बेटे की
नौकरी जाने के गम में मौत हो गई। दरअसल, तीन पुत्रों में रामविशाल ही एक
मात्र नौकरी पेशा थे। उसका हाल ही में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन हुआ
था। मैनपुरी में प्रदर्शन के वक्त एक शिक्षामित्र ने अंगोछे का फंदा बनाकर
जान देने का प्रयास किया। बदायूं में भी एक शिक्षामित्र ने फांसी लगाने की
कोशिश की। कौशांबी में शिक्षामित्र ने बीवी और दो बेटियों के साथ सल्फास
खाने का प्रयास किया, पर पड़ोसियों ने रोक लिया। बांदा में सहायक अध्यापक
कामता प्रसाद (45) ने सल्फास खा लिया, उनका इलाज चल रहा है।
स्कूलों में पड़े रहे ताले
प्रदेशभर में कई परिषदीय स्कूलों में ताले पड़े रहे।
शिक्षामित्रों ने जबरन स्कूल बंद करावा दिए गए। इलाहाबाद, प्रतापगढ़ तथा
कौशांबी, मुरादाबाद, कानपुर, आगरा, एटा, हरदोई, लखनऊ, सुलतानपुर,
बरेली,बस्ती, श्रावस्ती, बनारस, गोरखपुर, देवरिया समेत सभी जिलों में
सड़कों पर उतरे शिक्षामित्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद के खिलाफ नारेबाजी करके शिक्षा मित्रों के साथ सौतेले व्यवहार
का आरोप लगाया। शामली में शिक्षामित्रों ने निर्णय किया कि वे बांह में
काली पट्टी बांधकर स्कूलों में पढ़ाएंगे। फर्रुखाबाद, उन्नाव, उरई, औरैया,
इटावा, फतेहपुर, बांदा, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर में भी शिक्षामित्रों
में उबाल दिखा।
कइयों को दिल का दौरा, कई बेहोश
फैजाबाद में समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद को ज्ञापन देने
गई आरती यादव बेहोश हो गई। शिक्षामित्र अर्चना पांडेय धरने के दौरान सीने
में दर्द उठने से बेहोश हो गई। अलीगढ़ में भी दो जबकि फीरोजाबाद व पीलीभीत
में एक शिक्षामित्र को दिल का दौरा पड़ गया। इन सभी को अस्पताल में भर्ती
कराया गया। सदमे के कारण शाहजहांपुर में छह शिक्षामित्रों की तबीयत बिगड़
गई। मैनपुरी, आगरा, मथुरा, एटा, कानपुर और हरदोई में भी प्रदर्शन के दौरान
कई बेहोश हो गए।
कई जगह इच्छामृत्यु के लिए ज्ञापन
मुरादाबाद में 2400, रामपुर में 2100 और अमरोहा में 2000
शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर इच्छा मृत्यु मांगी। आगरा में
2997 फीरोजाबाद 1662, मैनपुरी में 2160, मथुरा 1655, एटा में 1648, बागपत
में 200 और सोनभद्र में 2600 शिक्षामित्रों ने भी इच्छामृत्यु की मांग की।
ऐसे ही मांग बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सीतापुर, बहराइच और मऊ में की गई।
न मिले तो पीएम तो सामने करेंगे आत्मदाह
वाराणसी में शिक्षा मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने
पर अड़ गए हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री के संसदीय दफ्तर पर उन्होंने
जोरदार प्रदर्शन कर अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा
गया है कि 18 सितंबर को सूबे भर के शिक्षा मित्र काशी में होंगे।
प्रधानमंत्री उनसे नहीं मिले तो वे सभा में ही उनके सामने आत्मदाह करेंगे।
झड़प, कहीं चले लात-घूंसे
शाहजहांपुर के पुवायां में प्रशिक्षु अध्यापक द्वारा महिला
शिक्षामित्रों के खिलाफ टिप्पणी पर बखेड़ा हो गया। शिक्षामित्रों ने
प्रशिक्षु अध्यापक की पिटाई कर उसके कपड़े भी फाड़ दिए। बरेली में कई
स्थानों पर बेसिक स्कूलों को बंद कराने की कोशिश कर रहे शिक्षामित्रों और
अध्यापकों में झड़पें हो गईं।
राजमार्ग जाम, रेल सेवा भी रोकी
कन्नौज में शिक्षामित्रों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर नारेबाजी
शुरू कर दी। करीब दो घंटे मान मनौव्वल के बाद आक्रोशित शिक्षामित्र रेलवे
ट्रैक से हटे। इस दौरान कई ट्रेनें प्रभावित हुई। वहीं कानपुर के
गोविंदपुरी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर आगरा-कानपुर पैसेंजर और टाटा
जम्मूतवी एक्सप्रेस को 20 मिनट रोका गया। हाइवे को भी नहीं छोड़ा गया।
इटावा-औरैया हाइवे पर शिक्षामित्रों ने दो घंटे तक जाम लगाए रखा। प्रतापगढ़
के लालगंज में प्रतापगढ़-रायबरेली मार्ग जाम किया गया। लखीमपुर, सुलतानपुर
और श्रावस्ती में भी मार्ग पर आवागमन ठप रखा गया।
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