केंद्र सरकार और राज्य सरकार को अब इस मामले में संवेदनशील होना पड़ेगा और न्याय का रास्ता अपनाना होगा क्योंकि जो हो रहा है वो बेहद व्यथित करने वाला है , शिक्षा मित्रो द्वारा आत्महत्या का प्रयास किसी समस्या का हल नहीं । उनको देश की न्यायपालिका पर विश्वास करना चाहिए ।
सरकारो को भी देखना होगा कि यदि बीटीसी बी.एड के साथ अन्याय हुआ तो उनके पास भी अब इस तरह के आंदोलनों के अलावा कुछ बचेगा नहीं । आखिर उनकी और उनके परिवारो की भी उम्मीद हैं फिर सरकारो के लिए और मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है ।
इसलिए दोनों सरकारो को शिक्षा मित्र मामले में कोई तात्कालिक निष्कर्ष अवश्य निकालना चाहिए वरना कल को अखबार की ऐसी सुर्खिया बीटीसी बीएड के उम्मीदवारों से भरी होंगी।
बेरोजगारी का दंश कोई नहीं झेल सकता फिर चाहे बीटीसी हो बीएड हो या शिक्षा मित्र