आगरा। शिक्षामित्रों का आंदोलन लगातार तेज हो रहा है।
लखनऊ में पिछले महीने तीन दिनों तक हुए प्रदर्शन से योगी सरकार को भी सोचने
पर मजबूर करने वाले शिक्षामित्र अब देश की राजधानी दिल्ली में अपना
प्रदर्शन कर रहे हैं।
आगरा जनपद से करीब तीन हजार शिक्षामित्र दिल्ली पहुंचे हैं, तो बृज के बारह जिलों से करीब पचास हजार से अधिक शिक्षामित्र दिल्ली के जंतर मंतर पर डेरा जमाए हुए हैं।
मांगें माने बिना नहीं हटेंगे
शिक्षामित्र संघ आगरा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छौंकर से पत्रिका टीम ने बातचीत की। दिल्ली में जंतर मंतर पहुंचे वीेरेंद्र छौंकर ने बताया कि आगरा से हजारों की संख्या में शिक्षामित्र प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। वहीं आसपास के जनपदों से भी भारी संख्या में शिक्षामित्रों ने जंतर मंतर पर पहुंचकर अपनी एकता को दिखाया है। शिक्षामित्रों की एकता के चलते जहां लखनऊ में योगी सरकार हिल गई थी। वहीं अब दिल्ली में भी मोदी सरकार को भी शिक्षामित्रों के बारे भविष्य के बारे में निर्णय करना होगा। नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि शिक्षामित्रों के लिए बड़ा कदम उठाएंगे। मोदी सरकार को उनका वादा याद दिलाने के लिए शिक्षामित्र दिल्ली में अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। डेढ़ लाख शिक्षामित्र बिना किसी निर्णय के दिल्ली से नहीं जाएंगे। वीरेंद्र छौंकर ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि शिक्षामित्रों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। जो वेतन अखिलेश यादव की सरकार में दिया जा रहा था। सभी शिक्षामित्र उससे कम वेतन पर काम नहीं करेंगे। शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाना सरकार की दोहरी नीतियों का हिस्सा है।
इन शिक्षामित्रों के हाथों में भविष्य
आगरा में वैसे तो 2086 परिषदीय विद्यालय हैं और यहां करीब 2.34 लाख विद्यार्थी का परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकरण है। जिले में 2943 शिक्षामित्र हैं और 2400 शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर हुआ था। इस साल 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और 26 जुलाई से एक अगस्त तक शिक्षा मित्रों ने कार्य बहिष्कार कर आंदोलन किया था। बता दें कि आगरा से प्रदर्शन करने गए शिक्षामित्रों ने दिल्ली से पत्रिका आगरा को वहां से वीडियो और अपने प्रदर्शन की तस्वीरें भेजी।
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आगरा जनपद से करीब तीन हजार शिक्षामित्र दिल्ली पहुंचे हैं, तो बृज के बारह जिलों से करीब पचास हजार से अधिक शिक्षामित्र दिल्ली के जंतर मंतर पर डेरा जमाए हुए हैं।
मांगें माने बिना नहीं हटेंगे
शिक्षामित्र संघ आगरा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छौंकर से पत्रिका टीम ने बातचीत की। दिल्ली में जंतर मंतर पहुंचे वीेरेंद्र छौंकर ने बताया कि आगरा से हजारों की संख्या में शिक्षामित्र प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। वहीं आसपास के जनपदों से भी भारी संख्या में शिक्षामित्रों ने जंतर मंतर पर पहुंचकर अपनी एकता को दिखाया है। शिक्षामित्रों की एकता के चलते जहां लखनऊ में योगी सरकार हिल गई थी। वहीं अब दिल्ली में भी मोदी सरकार को भी शिक्षामित्रों के बारे भविष्य के बारे में निर्णय करना होगा। नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि शिक्षामित्रों के लिए बड़ा कदम उठाएंगे। मोदी सरकार को उनका वादा याद दिलाने के लिए शिक्षामित्र दिल्ली में अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। डेढ़ लाख शिक्षामित्र बिना किसी निर्णय के दिल्ली से नहीं जाएंगे। वीरेंद्र छौंकर ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि शिक्षामित्रों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। जो वेतन अखिलेश यादव की सरकार में दिया जा रहा था। सभी शिक्षामित्र उससे कम वेतन पर काम नहीं करेंगे। शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाना सरकार की दोहरी नीतियों का हिस्सा है।
इन शिक्षामित्रों के हाथों में भविष्य
आगरा में वैसे तो 2086 परिषदीय विद्यालय हैं और यहां करीब 2.34 लाख विद्यार्थी का परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकरण है। जिले में 2943 शिक्षामित्र हैं और 2400 शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर हुआ था। इस साल 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और 26 जुलाई से एक अगस्त तक शिक्षा मित्रों ने कार्य बहिष्कार कर आंदोलन किया था। बता दें कि आगरा से प्रदर्शन करने गए शिक्षामित्रों ने दिल्ली से पत्रिका आगरा को वहां से वीडियो और अपने प्रदर्शन की तस्वीरें भेजी।
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