मानदेय बढ़ाने से इनकार पर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलित शिक्षामित्र रविवार को पुलिस को चकमा देते हुए दिल्ली रवाना हो गए।
प्रदेश सरकार से मायूस शिक्षामित्र दिल्ली के जंतर मंतर में चार दिवसीय धरना देते हुए प्रधनमंत्री मोदी से गुहार लगाएंगे कि वह अपने संकल्पपत्र को पूरा कराएं। शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान करते हुए उनको पुन: शिक्षक पद पर पदस्थापित करें। इसके लिए अगर अध्यादेश लाने की जरूरत पड़े तो उसे भी लाएं। प्रदेश सरकार की ओर से दस हजार रुपए मानदेय फिक्स करने से आक्रोशित शिक्षामित्र तीन दिन तक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किए। इसके बाद जैसे ही वह दिल्ली कूच का ऐलान किए, वैसे ही खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं। पर, सतर्क शिक्षामित्र दिल्ली जाने के लिए इस बार सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल किए। ऐसे में पुलिस देखती ही रह गई। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के जंतर-मंतर में शिक्षामित्रों का प्रदर्शन अस्तित्व की लड़ाई है। ऐसे में अधिकतर शिक्षामित्र दिल्ली के आंदोलन में शामिल होने के लिए जनरथ, वोल्बो व ट्रेन से दिल्ली के रवाना हुए। निजी बस से शिक्षामित्र दिल्ली इसलिए नहीं गए क्योंकि पुलिस रास्ते भर उन्हें रोक कर परेशान करती। उन्होंने बताया कि परतावल से एक बस, फरेंदा से वोल्बो, नौतनवा से जनरथ व गोरखपुर से गोरखधाम व अन्य ट्रेन से शिक्षामित्र दिल्ली कूच किए हैं।
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प्रदेश सरकार से मायूस शिक्षामित्र दिल्ली के जंतर मंतर में चार दिवसीय धरना देते हुए प्रधनमंत्री मोदी से गुहार लगाएंगे कि वह अपने संकल्पपत्र को पूरा कराएं। शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान करते हुए उनको पुन: शिक्षक पद पर पदस्थापित करें। इसके लिए अगर अध्यादेश लाने की जरूरत पड़े तो उसे भी लाएं। प्रदेश सरकार की ओर से दस हजार रुपए मानदेय फिक्स करने से आक्रोशित शिक्षामित्र तीन दिन तक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किए। इसके बाद जैसे ही वह दिल्ली कूच का ऐलान किए, वैसे ही खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं। पर, सतर्क शिक्षामित्र दिल्ली जाने के लिए इस बार सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल किए। ऐसे में पुलिस देखती ही रह गई। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के जंतर-मंतर में शिक्षामित्रों का प्रदर्शन अस्तित्व की लड़ाई है। ऐसे में अधिकतर शिक्षामित्र दिल्ली के आंदोलन में शामिल होने के लिए जनरथ, वोल्बो व ट्रेन से दिल्ली के रवाना हुए। निजी बस से शिक्षामित्र दिल्ली इसलिए नहीं गए क्योंकि पुलिस रास्ते भर उन्हें रोक कर परेशान करती। उन्होंने बताया कि परतावल से एक बस, फरेंदा से वोल्बो, नौतनवा से जनरथ व गोरखपुर से गोरखधाम व अन्य ट्रेन से शिक्षामित्र दिल्ली कूच किए हैं।
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