मुरादाबाद : शिक्षामित्र मांगों को लेकर एक बार फिर सड़कों पर उतर आए
हैं। सहायक अध्यापक पद पर बहाल होने की उम्मीदें धूमिल होते ही
शिक्षामित्रों ने बुधवार से बेमियादी धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सैकड़ों शिक्षामित्र अंबेडकर पार्क में जुटे। यहां धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इसके बाद वे कलेक्ट्रेट पहुंचे और समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर एसीएम को ज्ञापन सौंपा। वे बीएसए कार्यालय का घेराव कर बाहर ही धरने पर बैठ गए। बीएसए के प्रतिनिधि को उन्होंने ज्ञापन सौंपा।
शिक्षामित्रों का कहना था कि दो बार वार्ता के दौरान समान काम-समान वेतन के मुद्दे पर बातचीत हुई थी। लेकिन इसके बावजूद भी 10 हजार रुपये मानदेय फिक्स करके शिक्षामित्रों को धोखा दिया गया है। संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा ने प्रदेशीय आह्वान पर तय किया है कि जब तक समान काम का समान वेतन और सहायक अध्यापक पद पर बहाली नहीं होगी तब तक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। उप्र प्राथमिक शिक्षक, शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि सवा महीने के आंदोलन के बीच दो बार मुख्यमंत्री व सात बार मुख्य सचिव स्तर पर बातचीत हो चुकी है लेकिन प्रदेश सरकार शिक्षामित्र विरोधी रवैये पर अड़ी है। गुरजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लखनऊ में भरोसा दिया था कि शिक्षामित्रों के हितों के बारे में विचार किया जा रहा है लेकिन कैबिनेट की बैठक में जो फैसला लिया गया, वह निराशाजनक है। शिक्षामित्रों का कहना था कि हमारी रोजी-रोटी का सवाल है, इसलिए आंदोलन करेंगे। आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा कि गुरुवार को अंबेडकर पार्क में धरना देकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
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सैकड़ों शिक्षामित्र अंबेडकर पार्क में जुटे। यहां धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इसके बाद वे कलेक्ट्रेट पहुंचे और समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर एसीएम को ज्ञापन सौंपा। वे बीएसए कार्यालय का घेराव कर बाहर ही धरने पर बैठ गए। बीएसए के प्रतिनिधि को उन्होंने ज्ञापन सौंपा।
शिक्षामित्रों का कहना था कि दो बार वार्ता के दौरान समान काम-समान वेतन के मुद्दे पर बातचीत हुई थी। लेकिन इसके बावजूद भी 10 हजार रुपये मानदेय फिक्स करके शिक्षामित्रों को धोखा दिया गया है। संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा ने प्रदेशीय आह्वान पर तय किया है कि जब तक समान काम का समान वेतन और सहायक अध्यापक पद पर बहाली नहीं होगी तब तक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। उप्र प्राथमिक शिक्षक, शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि सवा महीने के आंदोलन के बीच दो बार मुख्यमंत्री व सात बार मुख्य सचिव स्तर पर बातचीत हो चुकी है लेकिन प्रदेश सरकार शिक्षामित्र विरोधी रवैये पर अड़ी है। गुरजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लखनऊ में भरोसा दिया था कि शिक्षामित्रों के हितों के बारे में विचार किया जा रहा है लेकिन कैबिनेट की बैठक में जो फैसला लिया गया, वह निराशाजनक है। शिक्षामित्रों का कहना था कि हमारी रोजी-रोटी का सवाल है, इसलिए आंदोलन करेंगे। आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा कि गुरुवार को अंबेडकर पार्क में धरना देकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
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