वाराणसी : भाजपा के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय से
नहीं मिल पाने से नाराज शिक्षामित्रों ने गिलट बाजार तिराहा जाम कर दिया।
बनारस-लखनऊ मार्ग प्रभावित होने से सड़क पर काफी देर तक अफरातफरी का माहौल रहा। तकरीबन एक घंटे मुसाफिर तेज धूप व गर्मी में बसों में फंसे रहे। इस आपाधापी में तीन शिक्षामित्र बेहोश हो गए। शिक्षामित्र महेंद्र नाथ पांडेय से मुलाकात कर समायोजन व अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन मंत्री का काफिला शिक्षामित्रों को देखते हुए आगे निकल गया। इससे नाराज शिक्षामित्रों ने सड़क जाम कर दिया।
बीएसए कार्यालय पर धरना दे रहे शिक्षामित्र प्रदेश अध्यक्ष को ज्ञापन देने गिलट बाजार तिराहे पर जमा हो गए। शिक्षामित्र हाथों में काली पट्टी बांधे थे। मौके की नजाकत को भांपते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस भी पहुंच गई। दोपहर पौने तीन बजे तिराहे पर पहुंचे महेंद्र नाथ पांडेय शिक्षामित्रों से मिले बिना निकल गए। मंत्री के नहीं मिलने से आक्रोशित शिक्षामित्रों ने सड़क जाम कर दिया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। जाम खुलवाने को लेकर शिक्षामित्रों व पुलिस के बीच कई बार झड़प भी हुई। इस बीच पिंडरा से आए शिक्षामित्र मुनिकेश सिंह, बड़ागांव की शकुंतला व दुर्गावती बेहोश हो गई। इन्हें आननफानन अस्पताल में दाखिल कराया गया, बाद में छुट्टी कर दी गई।
शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र दुबे ने बताया कि पुलिस ने जानबूझ कर प्रदेश अध्यक्ष से नहीं मिलने दिया। कहा कि प्रतिनिधि मंडल के पांच सदस्यों के साथ ज्ञापन दिलाने की बात कही गई थी, लेकिन काफिला पहुंचते ही शिक्षामित्रों को पुलिस द्वारा घेरे में ले लिया गया। कहा कि प्रदेश अध्यक्ष से शिक्षामित्रों को काफी उम्मीदें थीं। अमरेंद्र ने कहा कि शिक्षामित्र दस हजार मानदेय पर पढ़ाने की बजाय आंदोलन की राह अपनाएंगे।
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बनारस-लखनऊ मार्ग प्रभावित होने से सड़क पर काफी देर तक अफरातफरी का माहौल रहा। तकरीबन एक घंटे मुसाफिर तेज धूप व गर्मी में बसों में फंसे रहे। इस आपाधापी में तीन शिक्षामित्र बेहोश हो गए। शिक्षामित्र महेंद्र नाथ पांडेय से मुलाकात कर समायोजन व अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन मंत्री का काफिला शिक्षामित्रों को देखते हुए आगे निकल गया। इससे नाराज शिक्षामित्रों ने सड़क जाम कर दिया।
बीएसए कार्यालय पर धरना दे रहे शिक्षामित्र प्रदेश अध्यक्ष को ज्ञापन देने गिलट बाजार तिराहे पर जमा हो गए। शिक्षामित्र हाथों में काली पट्टी बांधे थे। मौके की नजाकत को भांपते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस भी पहुंच गई। दोपहर पौने तीन बजे तिराहे पर पहुंचे महेंद्र नाथ पांडेय शिक्षामित्रों से मिले बिना निकल गए। मंत्री के नहीं मिलने से आक्रोशित शिक्षामित्रों ने सड़क जाम कर दिया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। जाम खुलवाने को लेकर शिक्षामित्रों व पुलिस के बीच कई बार झड़प भी हुई। इस बीच पिंडरा से आए शिक्षामित्र मुनिकेश सिंह, बड़ागांव की शकुंतला व दुर्गावती बेहोश हो गई। इन्हें आननफानन अस्पताल में दाखिल कराया गया, बाद में छुट्टी कर दी गई।
शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र दुबे ने बताया कि पुलिस ने जानबूझ कर प्रदेश अध्यक्ष से नहीं मिलने दिया। कहा कि प्रतिनिधि मंडल के पांच सदस्यों के साथ ज्ञापन दिलाने की बात कही गई थी, लेकिन काफिला पहुंचते ही शिक्षामित्रों को पुलिस द्वारा घेरे में ले लिया गया। कहा कि प्रदेश अध्यक्ष से शिक्षामित्रों को काफी उम्मीदें थीं। अमरेंद्र ने कहा कि शिक्षामित्र दस हजार मानदेय पर पढ़ाने की बजाय आंदोलन की राह अपनाएंगे।
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