शिक्षामित्रों ने बीएसए दफ्तर में की तालाबंदी, सरकार के फैसले का किया विरोध

पीलीभीत : सरकार के फैसले के विरोध में शिक्षामित्रों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के मुख्य गेट में तालाबंदी कर जोरदार प्रदर्शन किया। महिला-पुरुष शिक्षामित्रों ने जमकर नारेबाजी की।
तालाबंदी की वजह से बीएसए दफ्तर में घंटों बीएसए और कर्मचारी कैद रहे, जिससे विभागीय कामकाज बाधित रहा। राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों को दस हजार रुपये मानदेय भुगतान को कैबिनेट से पास कर दिया। कैबिनेट के निर्णय से शिक्षामित्रों में रोष पनप गया। संयुक्त समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल के साथ अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के साथ कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले जिलेभर के महिला-पुरुष शिक्षामित्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर पहुंच गए, जहां पर समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों ने विरोध स्वरूप बीएसए दफ्तर के मुख्य गेट पर दोपहर 11 बजे ताला जड़ दिया। उस दौरान बीएसए डॉ.इंद्रजीत प्रजापति समेत अन्य कर्मचारी दफ्तर के अंदर थे। मुख्य गेट के पास ही शिक्षामित्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को बिगड़ते हुए भांपकर बीएसए डॉ.प्रजापति शिक्षामित्रों से मिलने मुख्य गेट तक आए, तब शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष तीर्थदेव शर्मा ने कहा कि शासन स्तर पर कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। समान कार्य समान वेतन से कम में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बीएसए ने बताया कि शासन ने दस हजार रुपये मानदेय तय किया है। शिक्षामित्रों को टीईटी परीक्षा पास करनी चाहिए। शासन के निर्देश के अनुरूप ही कार्यवाही की जा रही है। आप लोगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा। धरना देने वालों में आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्रपाल वर्मा, अमरदीप, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष हरिओम पांडेय, मीना अग्निहोत्री समेत काफी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।

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