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UPPSC पीसीएस 2017 : केंद्र आवंटन की मनमानी से पेपर आऊट का खतरा बढ़ा

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग की ओर से होने वाली परीक्षाओं व परिणाम से जुड़े मुद्दों में तमाम बदलाव करने का दावा किया जा रहा है।
सारा जतन प्रतियोगियों को राहत पहुंचाने को ध्यान में रखकर होना है, ताकि उन्हें बदलाव का अहसास हो सके, लेकिन अब तक जो भी प्रकरण सामने आए हैं उसमें प्रतियोगियों का भला होने के बजाए उन्हें परेशानी में ही डाला जा रहा है। जिन मुद्दों का प्रतियोगी लंबे समय से विरोध करते आ रहे हैं, आयोग उन्हीं को जबरन मनवाने पर उतारू है। परीक्षा केंद्रों के चयन और आवंटन की हकीकत सामने आ चुकी है, अब स्केलिंग को भी लागू करते रहने के आयोग ने संकेत दिए हैं।
आयोग की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2017 सिर पर आ गई है। प्रदेश के 21 जिलों में यह परीक्षा 24 सितंबर को होनी है। प्रतियोगियों को एडमिट कार्ड जारी हो चुके हैं। इसमें परीक्षा केंद्रों का आवंटन फिर सुदूर जिलों में हुआ है, जबकि सभी को उम्मीद थी कि आयोग केंद्र आवंटन में इस बार उन्हें राहत देगा, क्योंकि इसके पहले कई बार इस संबंध में मांग हुई तो आयोग अध्यक्ष ने सकारात्मक जवाब दिया था। यही नहीं पीसीएस जैसी अहम परीक्षा के केंद्रों का चयन भी सही तरीके से नहीं किया गया है।
उन विद्यालयों को केंद्र बनाया गया है, जो शहर से काफी दूर है, जहां आसानी से पहुंचा नहीं जा सकता है। दूसरे जिलों से जाने वाले अभ्यर्थियों को ऐसे केंद्र खोजना ही टेढ़ी खीर होगी। इन दोनों मामलों में राहत न मिलने से प्रतियोगी आयोग से खासे खफा हैं और सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग हो रही है साथ ही गड़बड़ परीक्षा केंद्रों को निरस्त करने को कहा जा रहा है।
इसी के साथ ही स्केलिंग को लेकर भी प्रतियोगियों का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। पिछली परीक्षाओं में तमाम अभ्यर्थियों ने कम अंक हासिल किए थे, लेकिन स्केलिंग के कारण उनके अंक बढ़ गए। प्रतियोगी नहीं चाहते कि आयोग स्केलिंग की पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाए, लेकिन अब आयोग की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस पैटर्न को पूरे पारदर्शी तरीके से लागू किया जाएगा। प्रतियोगी अशोक पांडेय का कहना है कि इससे अभ्यर्थियों को फिर नुकसान उठाना पड़ेगा और आयोग जिसे चाहेगा, वह आसानी से चयनित हो जाएगा। इसे हर हाल में खत्म किया जाना चाहिए।
परीक्षा की शुचिता होगी प्रभावित
पीसीएस 2017 के प्रतियोगी रंजीत सिंह ने बुधवार को नये सिरे से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है इसमें कहा गया है कि आयोग ने मनमाने तरीके से फिर परीक्षा केंद्रों का आवंटन किया है। इससे परीक्षा की शुचिता प्रभावित होने के पूरे आसार हैं। पिछली परीक्षाओं जो पेपर लीक हुए उनमें ऐसे ही केंद्र सामने आए थे, इसके बाद भी आयोग ने कोई सबक नहीं लिया है। उन्होंने लिखा कि अन्य भर्ती बोर्ड परीक्षा केंद्र आवंटन में पूरी सहूलियत देते हैं, जबकि आयोग उत्पीडऩ कर रहा है। इसमें हस्तक्षेप किया जाए।

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