सड़क पर उतरे शिक्षामित्र, कचहरी में झड़प, भाजपा कार्यालय के सामने शासनादेश की जलाईं प्रतियां

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बुधवार को जिले भर के शिक्षामित्र सड़क पर उतरे। भाजपा कार्यालय का घेराव व कचहरी में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षामित्रों व वकीलों में झड़प हो गई।
जूनियर बार के पदाधिकारियों एवं प्रभारी कोतवाल ने शिक्षामित्रों को समझाकर किसी तरह शांत कराया।

आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षामित्र कचहरी में सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन करने पहुंचे। धरने को संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष व प्रांतीय सचिव रीना सिंह ने कहा कि विगत 23 अगस्त को मुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान कहा था कि सरकार शिक्षामित्रों के प्रति संवेदनशील है। समान कार्य का समान वेतन दिया जाएगा। इसके बाद 10 हजार मानदेय देने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास करवा दिया गया। यह शिक्षामित्रों के साथ धोखा है। इसके बाद शिक्षामित्र जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए भंगवा चुंगी होते हुए बाबागंज स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे व हाईवे पर बैठ गए। यहां पर भाजपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी को ज्ञापन देने के बाद शिक्षामित्र पुन: कचहरी पहुंचे। कचहरी में एसडीएम सदर को ज्ञापन देने के बाद गुरुवार को आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही थी। इसी बीच एक अधिवक्ता धरना स्थल पर पहुंचे और अपनी कार के सामने खड़ी बाइक हटाने को कहा।
इसी में शिक्षामित्रों से कहासुनी हो गई। इस पर वहां हंगामा हो गया। महिला शिक्षामित्रों ने उक्त अधिवक्ता को दौड़ा लिया। जानकारी मिलते ही जूनियर बार के महामंत्री जेपी मिश्र, एसडीएम सदर पंकज वर्मा, सीआरओ राम सिंह वर्मा, प्रभारी कोतवाल आशुतोष त्रिपाठी, भंगवा चुंगी चौकी प्रभारी डीएन यादव आदि मौके पर पहुंचे और आक्रोशित शिक्षामित्रों को समझाकर किसी तरह शांत कराया।

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