अपनी जमीन नहीं होने पर चार मदरसों का वेतन रोका, शर्त शासन से अनुदान को मदरसे की अपनी जमीन होना अनिवार्य

इलाहाबाद : जिन मदरसों को वित्तीय अनुदान सरकार देती है। उनके लिए पहली शर्त है कि उनके पास मदरसे की अपनी जमीन हो। ऐसा न पाए जाने पर जिले के चार मदरसों का वेतन रोक दिया गया है। जिले में अनुदानित मदरसों की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।
1मदरसों की भूमि संस्था के नाम न होने के कारण वित्तीय सहायता रोके जाने वाले मदरसों में रहमत-ए-निस्वां-अकबरपुर, अनवारुल उलूम-हटिया, तालीम-उल-कुरान- सल्लाहपुर और सईद-उल-उलूम पुरामुफ्ती शामिल हैं। इन मदरसों में 60 से अधिक शिक्षक-कर्मचारी कार्यरत है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एसपी तिवारी ने बताया कि जिले में वित्तीय सहायता प्राप्त मदरसे हैं। इनमें संसाधनों आदि की जांच शासन के आदेश पर कराई गई। ये चार मदरसे जमीन संबंधी कागजात उपलब्ध नहीं करा सके। इसलिए इनके विरुद्ध वेतन रोकने की कार्यवाही की गई है। जनपद से गैर वित्तीय सहायता प्राप्त एवं वित्तीय सहायता प्राप्त मदरसों की संख्या 267 है। इन सभी ने मदरसा पोर्टल पर पंजीकरण करा लिया है।