लोक कल्याण मित्र के नाम पर बीजेपी-आरएसएस कार्यकर्ताओं को पैसा देने की तैयारी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा लोक कल्याण मित्रों की नियुक्ति के फैसले पर सियासत तेज होती नजर आ रही है. विपक्ष योगी कैबिनेट के इस फैसले पर हमलावर नजर आ रहा है.
दरअसल मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक में सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए सूबे में लोक कल्याण मित्र नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव की मंजूरी दी गई है. कांग्रेस व समाजवादी पार्टी ने इसे जनता के पैसे का दुरूपयोग बताते हुए कहा कि सिर्फ बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया गया है.

कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा है कि एक तरफ प्रदेश में शिक्षकों और पुलिस के जवानों की भारी कमी है. शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मानदेय के लिए पैसे नही हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने बीजेपी, आरएसएस और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को पैसा देने का रास्ता बनाने के लिए यह प्रस्ताव पास किया है. उन्होंने कहा कि इससे आम जनता के पैसे का दुरुपयोग होगा.

अंशु अवस्थी ने कहा, "लोक कल्याण मित्र के नाम पर सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार बीजेपी, आरएसएस और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को किस तरह से लाभान्वित किया जाए, उन्हें कैसे पिसा पहुंचाया जाए, सीधे उसकी तैयारी है. आज उत्तर प्रदेश में जो शिक्षामित्र पढ़ा रहा, जो अनुदेशक हैं, उन्हें 9 हजार रुपए मानदेय मिलता है. लेकिन लोक कल्याण मित्रों को 30 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा. बीजेपी आम जनता के पैसे का दुरूपयोग कर रही है. या तो उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है. या तो इस तरह से अपने कार्यकर्ताओं को पैसा देने की तैयारी है. आज चुनाव सिर पर है. किस तरह से कार्यकर्ताओं को सरकारी और आम जनता का पैसा दिया जाए इसकी तैयारी है."

अंशु अवस्थी ने कहा कि आज देश में शिक्षकों की कमी है. पुलिस जवानों की कमी है. बीएड और बीपीएड के अभ्यर्थी धरने पर हैं. फिर भी यह सरकार कहती है कि पैसे नहीं है. लेकिन अपने कार्यकर्ताओं को पैसे देने के लिए लोक कल्याण मित्र के नाम का ढोंग कर रही है.

उधर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार अपने चुनावी मंसूबों को पाने के लिए सरकारी मशीनरियों का दुरूपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्रों जो कि शिक्षा विभाग की रीढ़ हैं, उन्हें उनकी सम्मानजनक सैलरी देने असमर्थ है. लेकिन 2019 चुनाव के मद्देनजर लोक कल्याण मित्रों को 30 हजार का मानदेय देने जा रही है. उन्होंने कहा कि सर्कार अपनी प्राथमिकताओं से भटक गई है. उसे पता नहीं है कि जनता के पैसे को कहां खर्च करना है. लोक कलायन मित्रों की नियुक्ति सिर्फ 2019 के चुनाव में लाभ पाने के लिए एक राजनैतिक हथकंडा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि प्रदेश के नौजवानों को उन विभागों में स्थाई नौकरी दी जाए जहां पद खाली पड़े हुए हैं.

उधर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से गरीबों, वंचितों, पिछड़ो और दलितों की मदद और उनके विकास के लिए चलाई जा रही विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लोक कल्याण मित्रों की तैनाती का सराहनीय फैसला लिया है. ये लोक कल्याण मित्र प्रदेश के सभी ब्लाकों पर तैनात किए जाएंगे और आम लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही साथ इन योजनाओं का लाभ लेने में आम लोगों की पूरी मदद भी करेंगे.