स्कूली शिक्षकों के प्रशिक्षण पैटर्न में बड़े बदलाव की तैयारी: अगले साल से चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में व्यक्तित्व विकास पर जोर, स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को भी निखारने की योजना

स्कूली शिक्षकों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में आमूल-चूल परिवर्तन की है। यानी गुरुजी अब प्रशिक्षण की नई कसौटी पर निखारे जाएंगे। शिक्षकों के प्रशिक्षण पैटर्न में बड़े बदलाव की कर ली गई है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में व्यक्तित्व विकास और काउंसिलिंग पर विशेष जोर दिया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इसका असर शिक्षकों की गुणवत्ता पर पड़ेगा। अभिभावकों की शिक्षकों को लेकर अक्सर रहने वाली शिकायत भी खत्म हो जाएगी। इसकी शुरुआत अगले साल से शुरू होने वाले चार वर्षीय बीएड के पाठ्यक्रम से देखने को मिलेगी। 1सरकार का इस पहल के बीच एक और बड़ा मकसद है। वह शिक्षकों के प्रशिक्षण को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देना चाहती है। मौजूदा समय में अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित दुनिया के लगभग सभी बड़े देशों में शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यक्तित्व विकास, काउंसलिंग, वाद-विवाद, लैंगिक जागरूकता जैसे विषय प्रमुखता से शामिल हैं। इसके चलते उन स्कूलों में पढ़ाई के साथ बच्चों के इन पहलुओं को भी निखारने में मदद मिलती है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इन सारे पहलुओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस योजना को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में सरकार ने इसके अध्ययन के लिए एनसीईआरटी सहित शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े अधिकारियों की एक टीम को आस्ट्रेलिया भेजा था। टीम ने हाल ही में इसे लेकर अपनी रिपोर्ट भी मंत्रलय को दी है।
सरकार ने इसके अलावा स्कूलों में मौजूदा समय में पढ़ा रहे शिक्षकों को भी निखारने की योजना बनाई है। इसके तहत एक विशेष प्रशिक्षण माड्यूल तैयार करने की कवायद की जा रही है। इससे इन सभी शिक्षकों को व्यक्तित्व विकास, काउंसलिंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। खास बात यह है कि सरकार ने शिक्षकों को प्रमोट करने की इस योजना में सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों को शामिल किया है। गौरतलब है कि सरकार ने इस योजना पर काम शुरू करने से पहले बच्चों और अभिभावकों की ओर से आने वाली सभी तरह की शिकायतों और सुझावों का अध्ययन किया है। सरकार ने अपनी ऐसी ही एक पहल के तहत स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 13 लाख से ज्यादा अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का काम भी शुरू किया है। इसके तहत इन सभी शिक्षकों को वर्ष 2019 तक प्रशिक्षित कर दिया जाएगा।