UPPSC : इसी वजह से आयोग को 19 अगस्त को प्रस्तावित प्रारंभिक परीक्षा टालनी पड़ी

इस बार पीसीएस परीक्षा-2018 के लिए रिकार्ड आवेदन आए हैं। हालांकि पहली बार पीसीएस के साथ एसीएफ/आरएफओ की प्रारंभिक परीक्षा भी कराई जा रही है। ऐसे में आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान था
लेकिन, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएसी) के अफसरों को भी उम्मीद नहीं थी कि आवेदनों की संख्या इतनी अधिक होगी। पीसीएस और एसीएफ/आरएफओ परीक्षा-2018 के लिए आयोग को छह लाख 35 हजार 844 आवेदन मिले हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 6 अगस्त थी।
एसीएफ/आरएफओ-2017 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आयोग ने तीन अगस्त को ही घोषित किया है। पिछली बार यह परीक्षा अलग से कराई गई थी और इसके लिए कुल 70 हजार 665 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। अब तक आयोग ने पीसीएस की जितनी परीक्षाएं कराई हैं, उनके लिए अधिकतम साढ़े चार लाख आवेदन ही आए हैं। ऐसे में आयोग के अफसर मानकर चल रहे थे कि इस बार आवेदनों की संख्या अधिकतम पांच से साढ़े पांच लाख होगी लेकिन, परीक्षा के लिए छह लाख 47 हजार अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया और इनमें से छह लाख 35 हजार 844 अभ्यर्थियों ने आवेदन भी कर दिया। आयोग के अफसरों को जो अनुमान था, इस बार उससे एक से डेढ़ लाख अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिए।

इसी वजह से आयोग को 19 अगस्त को प्रस्तावित प्रारंभिक परीक्षा टालनी पड़ी और 28 अक्तूबर को परीक्षा कराने का निर्णय लेना पड़ा। हालांकि इस बार पीसीएस में लोअर सबऑर्डिनेट के भी कई पद शामिल कर लिए गए हैं। आवेदनों की संख्या इतनी अधिक होने के पीछे नए पदों को पीसीएस में शामिल किया जाना भी माना जा रहा है। कई वर्षों से पीसीएस की परीक्षा 21 जिलों में आयोजित की जाती रही है लेकिन इस बार आवेदकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। यह संख्या एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों की संख्या के आसपास पहुंच गई है और एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रदेश के 39 जिलों में आयोजित की गई थी। ऐसे में इस बार आयोग को पीसीएस के लिए भी नए जिलों में केंद्र बनाए होंगे।

अगस्त के अंत तक पीसीएस-2016 का परिणाम संभावित
यूपीपीएससी का दावा था कि पीसीएस-2016 की मुख्य परीक्षा का परिणाम अगस्त की शुरुआत में जारी कर दिया जाएगा लेकिन अब परीक्षा परिणाम माह के अंत तक जारी होने की संभावना है। परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार 15 दिनों की छुट्टी पर चली गई हैं। परीक्षा नियंत्रक की अनुपस्थिति में परिणाम घोषित हो पाना मुश्किल है। ऐसे में अभ्यर्थियों को रिजल्ट के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।