प्रयागराजः शिक्षा विभाग पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और धांधली का लगा आरोप

प्रयागराज: प्रयागराज में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्ति का मामला सामने आया है। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से न्याय पंचायत स्तर पर बने संसाधन केंद्रों (संकुल भवन) पर अवैध नियुक्त समन्वयक पर खातों से लेन-देन का आरोप लगाया है और इस पर एसोसिएशन ने आपत्ति जाहिर की है।

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एसोसिएशन के शिक्षक नेताओं का कहना है कि कानून के विपरीत और मानक के खिलाफ संसाधन केंद्रों पर नियुक्त समन्वयक लोगों को नियुक्त किया गया है। शिक्षक नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि खंड शिक्षा अधिकारी अपने लाभ के लिए अवैध नियुक्ति कर रहे हैं और खंड में आ रहे सरकारी पैसे का गलत इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
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मानक में कहा गया है कि जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक की ही नियुक्ति हो सकती है लेकिन अधिकतर जगह प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक या फिर छोटे स्तर के अध्यापकों को इसका जिम्मा सौंप दिया गया है। इसके विरोध में शिक्षक नेताओं ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ ही सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक, एडी बेसिक, डीएम, सीडीओ और बीएसए को संगठन के जिला अध्यक्ष अरविंद कुमार मिश्रा और मंत्री अजय कुमार सिंह ने पत्र लिखा है।

शिक्षक नेताओं का कहना है कि बीएसए संजय कुशवाहा ने 20 जुलाई 2018 को नियम विरुद्ध नियुक्त एनपीआरसी समन्वयक को 1 सप्ताह के अंदर हटाते हुए निकटस्थ जूनियर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक को समन्वयक नियुक्त करने का निर्देश दिया था, लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ ।अवैध समन्वयक व सह खाताधारक एनपीआरसी खातों से आज अनाधिकृत तरीके से लेन-देन भी कर रहे हैं । यह नियुक्तिया उच्च अधिकारियों के आदेशों का घोर उल्लंघन है।

शिक्षक नेताओं ने कहा है कि अगर जल्द ही इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह योगी सरकार के मंत्रियों तक अपील करेंगे। 1 साल बीतने के बाद भी बीएसए के आदेश का अनुपालन किया जा रहा है, जो यह साफ दर्शा रहा है कि शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और धांधली चल रही है।