UPSESSB : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड चार दशक की सबसे
बड़ी शिक्षक भर्ती निकालने जा रहा है। प्रदेश के 4319 सहायता प्राप्त
हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों से चयन बोर्ड ने सात अगस्त तक रिक्त पदों की
सूचना ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से मांगी थी।
सूत्रों के अनुसार इन स्कूलों में प्रशिक्षित स्नातक (जिसे टीजीटी या सहायक अध्यापक नाम से भी जाना जाता है), प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के 25 हजार से अधिक खाली पदों की सूचना मिली है।
इन पदों पर भर्ती के लिए इसी महीने के अंत तक विज्ञापन जारी होगा। 24 जुलाई तक 3200 स्कूलों ने प्रशिक्षित स्नातक व प्रवक्ता के 22210 खाली पदों की सूचना भेजी थी। जिला विद्यालय निरीक्षकों ने इनमें से 6627 पदों को असत्यापित कर कॉलेज प्रबंधकों को वापस भेज दिया था। 1881 पद सत्यापित कर चयन बोर्ड को फारवर्ड किया था जबकि 13702 पद डीआईओएस स्तर पर लंबित थे। 1129 स्कूलों ने अधियाचन संबंधी कोई जानकारी नहीं दी थी
भर्ती के लिए जल्द भेजा जाएगा आयोग को अधियाचन
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा ने शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। इसके लिए हर जरूरी उपाय किए जाएंगे। प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरने के लिए अधियाचन जल्द उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेजा जाएगा।
दायित्व संभालने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा निदेशालय के सभी अनुभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय इस कार्यालय की कार्य संस्कृति का प्रभाव पूरे प्रदेश पर पड़ता है इसलिए सबको मिलकर उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए काम करना होगा। उन्होंने निदेशालय परिसर की सफाई और फाइलों के रखरखाव का उचित इंतजाम करने के भी निर्देश दिए।
राजकीय महिला कॉलेज रामपुर की शिक्षिका रहीं डॉ. शर्मा को निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया है। उन्होंने कहा कि शासन की नीतियों का क्रियान्वयन, कार्यों में पारदर्शिता लाते हुए ज्यादातर कार्यों को ऑनलाइन करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों से जुड़े सभी प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया जाएगा ताकि किसी को न्यायालय की शरण में न जाना पड़े। उन्होंने शासन के सभी आदेश, निर्देश को तत्काल वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए ताकि जनसामान्य को जानकारी हो सके।
इस मौके पर संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव पांडेय, वित्त नियंत्रक देवेश सिंह, उप निदेशक डॉ. जेपी सिंह, सहायक निदेशक संजय सिंह, डॉ. बीएल शर्मा, डॉ. शैलेंद्र तिवारी, नोडल अधिकारी डॉ. इंदु प्रकाश सिंह, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. पीयूष मिश्रा, डॉ. प्रेम शंकर मिश्र, डॉ. रेखा वर्मा, शिशिर श्रीवास्तव, सुरेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।
सूत्रों के अनुसार इन स्कूलों में प्रशिक्षित स्नातक (जिसे टीजीटी या सहायक अध्यापक नाम से भी जाना जाता है), प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के 25 हजार से अधिक खाली पदों की सूचना मिली है।
इन पदों पर भर्ती के लिए इसी महीने के अंत तक विज्ञापन जारी होगा। 24 जुलाई तक 3200 स्कूलों ने प्रशिक्षित स्नातक व प्रवक्ता के 22210 खाली पदों की सूचना भेजी थी। जिला विद्यालय निरीक्षकों ने इनमें से 6627 पदों को असत्यापित कर कॉलेज प्रबंधकों को वापस भेज दिया था। 1881 पद सत्यापित कर चयन बोर्ड को फारवर्ड किया था जबकि 13702 पद डीआईओएस स्तर पर लंबित थे। 1129 स्कूलों ने अधियाचन संबंधी कोई जानकारी नहीं दी थी
भर्ती के लिए जल्द भेजा जाएगा आयोग को अधियाचन
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा ने शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। इसके लिए हर जरूरी उपाय किए जाएंगे। प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरने के लिए अधियाचन जल्द उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेजा जाएगा।
दायित्व संभालने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा निदेशालय के सभी अनुभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय इस कार्यालय की कार्य संस्कृति का प्रभाव पूरे प्रदेश पर पड़ता है इसलिए सबको मिलकर उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए काम करना होगा। उन्होंने निदेशालय परिसर की सफाई और फाइलों के रखरखाव का उचित इंतजाम करने के भी निर्देश दिए।
राजकीय महिला कॉलेज रामपुर की शिक्षिका रहीं डॉ. शर्मा को निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया है। उन्होंने कहा कि शासन की नीतियों का क्रियान्वयन, कार्यों में पारदर्शिता लाते हुए ज्यादातर कार्यों को ऑनलाइन करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों से जुड़े सभी प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया जाएगा ताकि किसी को न्यायालय की शरण में न जाना पड़े। उन्होंने शासन के सभी आदेश, निर्देश को तत्काल वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए ताकि जनसामान्य को जानकारी हो सके।
इस मौके पर संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव पांडेय, वित्त नियंत्रक देवेश सिंह, उप निदेशक डॉ. जेपी सिंह, सहायक निदेशक संजय सिंह, डॉ. बीएल शर्मा, डॉ. शैलेंद्र तिवारी, नोडल अधिकारी डॉ. इंदु प्रकाश सिंह, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. पीयूष मिश्रा, डॉ. प्रेम शंकर मिश्र, डॉ. रेखा वर्मा, शिशिर श्रीवास्तव, सुरेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।