फर्जी नियुक्तियों के बारे में तो आपने सुना होगा लेकिन उत्तर प्रदेश
में फर्जी वेबसाइट बनाकर भर्ती करने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया
है. उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की ही फर्जी वेबसाइट बना
दी गई और लोगों से लाखों रुपये ठगे गए.
इस जालसाजी में फर्जी में वेबसाइट के जरिए सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में फर्जी नियुक्तियां भी की गई. बेरोजगार युवाओं से बाकायदा 10 लाख रुपये तक ठगे गए हैं.
बता दें इससे पहले भी फर्जी नियुक्तियों के कई मामले सामने आए हैं लेकिन इस बार तो ठगों ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ही फर्जी वेबसाइट बना डाली. वहीं हैरानी की बात ये भी है कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, महोबा, भदोही, चंदौली, महाराजगंज, मैनपुरी और आगरा तक से लोग इस वेबसाइट के फर्जीवाड़े का शिकार हुए. शिक्षा विभाग की जांच में अब तक फर्जीवाड़े में दो दर्जन से ज्यादा फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के बारे में पता चला है. यह भी पता चला कि अभ्यर्थियों से 10 लाख रुपये तक वसूले गए.
मामले का खुलासा तक हुआ जब लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह को दो नियुक्ति पत्र मिले. इनमें वाराणसी और लखनऊ के इंटर कॉलेज में दो लोगों की नियुक्ति की गई थी. नियुक्ति पत्रों को जब वेरिफिकेशन के लिए माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को भेजा गया तो वह फर्जी पाए गए. इसके बाद लखनऊ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. जांच शुरू हुई तो जांच में पता चला कि पूरे मामले में एक फर्जी वेबसाइट ही बना दी गई, जिसमें फर्जी तरीके से चयनित शिक्षकों की सूची भी अपलोड की गई थी.
वेबसाइट पर असली लिस्ट के साथ ही फर्जी लोगों की नियुक्ति की लिस्ट भी अपलोड की गई थी. बकायदा अधिकारियों के फर्जी स्टैंड सिग्नेचर भी मौजूद थे. शिक्षा विभाग इस मामले की परतें खोलने में जुट गया है. व्यापक रूप से जांच शुरू कर रही है, जिससे कि पता चल सके कि अब तक इन फर्जीवाड़े में कितने लोगों को शिकार बनाया गया है.
इस जालसाजी में फर्जी में वेबसाइट के जरिए सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में फर्जी नियुक्तियां भी की गई. बेरोजगार युवाओं से बाकायदा 10 लाख रुपये तक ठगे गए हैं.
बता दें इससे पहले भी फर्जी नियुक्तियों के कई मामले सामने आए हैं लेकिन इस बार तो ठगों ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ही फर्जी वेबसाइट बना डाली. वहीं हैरानी की बात ये भी है कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, महोबा, भदोही, चंदौली, महाराजगंज, मैनपुरी और आगरा तक से लोग इस वेबसाइट के फर्जीवाड़े का शिकार हुए. शिक्षा विभाग की जांच में अब तक फर्जीवाड़े में दो दर्जन से ज्यादा फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के बारे में पता चला है. यह भी पता चला कि अभ्यर्थियों से 10 लाख रुपये तक वसूले गए.
मामले का खुलासा तक हुआ जब लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह को दो नियुक्ति पत्र मिले. इनमें वाराणसी और लखनऊ के इंटर कॉलेज में दो लोगों की नियुक्ति की गई थी. नियुक्ति पत्रों को जब वेरिफिकेशन के लिए माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को भेजा गया तो वह फर्जी पाए गए. इसके बाद लखनऊ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. जांच शुरू हुई तो जांच में पता चला कि पूरे मामले में एक फर्जी वेबसाइट ही बना दी गई, जिसमें फर्जी तरीके से चयनित शिक्षकों की सूची भी अपलोड की गई थी.
वेबसाइट पर असली लिस्ट के साथ ही फर्जी लोगों की नियुक्ति की लिस्ट भी अपलोड की गई थी. बकायदा अधिकारियों के फर्जी स्टैंड सिग्नेचर भी मौजूद थे. शिक्षा विभाग इस मामले की परतें खोलने में जुट गया है. व्यापक रूप से जांच शुरू कर रही है, जिससे कि पता चल सके कि अब तक इन फर्जीवाड़े में कितने लोगों को शिकार बनाया गया है.