लखनऊ [आशीष त्रिवेदी]। सूबे के विश्र्वविद्यालयों के
शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु अब 65 वर्ष होगी। अभी तक शिक्षक 62 वर्ष में
रिटायर होते हैं। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इस आशय का प्रस्ताव बनाकर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया गया है। जल्द ही शिक्षकों को तोहफा
मिल सकता है।
केंद्रीय विश्र्वविद्यालयों व दूसरे कई राज्यों के विश्र्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु पहले से 65 साल है। ऐसे में यूपी में भी इसे बढ़ाया जाना है। उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों की मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ में कुछ वर्ष पहले और पश्चिम बंगाल व उड़ीसा में पिछले ही साल सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की गई है। केंद्रीय विश्र्वविद्यालयों में पहले से ही यह व्यवस्था लागू है।
खाली पड़े हैं शिक्षकों के 31 फीसद पद
यूपी के विश्र्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के करीब 31 फीसद पद खाली चल रहे हैं। 16 राज्य विश्र्वविद्यालयों में 2182 पदों में से 691 पद, 331 सरकारी सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में 15763 में से 4320 पद और 158 राजकीय डिग्री कॉलेजों में 2750 पदों में से 867 पद खाली हैं। विश्र्वविद्यालयों में इस वर्ष भी तमाम शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई मुश्किल है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने उठाई थी मांग
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु 65 साल करने की मांग की गई थी। बाजपेयी कहते हैं कि मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट ने शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु 65 साल करने पर रोक लगाई तो सुप्रीम कोर्ट ने उसके इस फैसले को रद कर दिया था।
राज्यपाल की कमेटी ने भी की थी सिफारिश
यही नहीं राज्यपाल राम नाईक की पहल पर बनाई गई कमेटी ने भी शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु बढ़ाने का फैसला किया था। फिलहाल डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की पहल पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सेवानिवृत्त आयु बढ़ाने का प्रस्ताव सीएम कार्यालय भेज दिया है। अब सीएम योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन मिलने के बाद रिटायरमेंट की उम्र बढ़ जाएगी।
केंद्रीय विश्र्वविद्यालयों व दूसरे कई राज्यों के विश्र्वविद्यालयों में शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु पहले से 65 साल है। ऐसे में यूपी में भी इसे बढ़ाया जाना है। उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों की मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ में कुछ वर्ष पहले और पश्चिम बंगाल व उड़ीसा में पिछले ही साल सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की गई है। केंद्रीय विश्र्वविद्यालयों में पहले से ही यह व्यवस्था लागू है।
खाली पड़े हैं शिक्षकों के 31 फीसद पद
यूपी के विश्र्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के करीब 31 फीसद पद खाली चल रहे हैं। 16 राज्य विश्र्वविद्यालयों में 2182 पदों में से 691 पद, 331 सरकारी सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में 15763 में से 4320 पद और 158 राजकीय डिग्री कॉलेजों में 2750 पदों में से 867 पद खाली हैं। विश्र्वविद्यालयों में इस वर्ष भी तमाम शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई मुश्किल है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु 65 साल करने की मांग की गई थी। बाजपेयी कहते हैं कि मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट ने शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु 65 साल करने पर रोक लगाई तो सुप्रीम कोर्ट ने उसके इस फैसले को रद कर दिया था।
राज्यपाल की कमेटी ने भी की थी सिफारिश
यही नहीं राज्यपाल राम नाईक की पहल पर बनाई गई कमेटी ने भी शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु बढ़ाने का फैसला किया था। फिलहाल डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की पहल पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सेवानिवृत्त आयु बढ़ाने का प्रस्ताव सीएम कार्यालय भेज दिया है। अब सीएम योगी आदित्यनाथ का अनुमोदन मिलने के बाद रिटायरमेंट की उम्र बढ़ जाएगी।