जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए पिछले
एक सप्ताह से शिक्षा विभाग जनपद में अध्यापकों को ढूंढ रहा है लेकिन अंतिम
तारीख 19 अगस्त तक डीआइओएस कार्यालय में कोई आवेदन नहीं आया। जनपद का कोई
भी अध्यापक, प्रधानाचार्य व प्रधानाध्यापक खरा नहीं उतरा। पिछले वर्ष भी
किसी भी अध्यापक ने आवेदन नहीं किया था।
इसकी वजह से शिक्षक पुरस्कार से वंचित रह गए थे।
वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार योजना शुरू की है। इसके लिए वित्तविहीन विद्यालयों से शिक्षकों के नामों का प्रस्ताव मांगा गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक के नेतृत्व वाली समिति द्वारा चयनित शिक्षकों का प्रस्ताव राज्य चयन समिति को हर हाल में 19 अगस्त तक उपलब्ध कराना था। इसके लिए अंतिम तिथि 19 अगस्त निर्धारित की गई थी। अंतिम दिन तक जिले से एक भी वित्तविहीन शिक्षक का प्रस्ताव पुरस्कार के लिए समिति को नहीं भेजा गया। किसी भी शिक्षक ने इसके लिए आवेदन तक नहीं किया। जिले में लगभग 600 वित्तविहीन विद्यालय हैं। इनमें करीब दो हजार से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा ने कहा कि इन विद्यालयों के एक भी शिक्षक का प्रस्ताव विभाग को नहीं मिला है। मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए किसी भी शिक्षक ने आवेदन नहीं किया है। यह जनपद के लिए दुर्भाग्य की बात है।
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जनपद के सभी शिक्षकों को हर माध्यम से संदेश दिया गया लेकिन कोई भी शिक्षक आवेदन किया ही नहीं। कई बार सूचना भी दी गई लेकिन मानकों को पूरा करने वाला कोई अध्यापक व प्रधानाचार्य नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि एक भी आवेदन नहीं किया गया।
-अनारपति वर्मा, संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ़ मंडल।
इसकी वजह से शिक्षक पुरस्कार से वंचित रह गए थे।
वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार योजना शुरू की है। इसके लिए वित्तविहीन विद्यालयों से शिक्षकों के नामों का प्रस्ताव मांगा गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक के नेतृत्व वाली समिति द्वारा चयनित शिक्षकों का प्रस्ताव राज्य चयन समिति को हर हाल में 19 अगस्त तक उपलब्ध कराना था। इसके लिए अंतिम तिथि 19 अगस्त निर्धारित की गई थी। अंतिम दिन तक जिले से एक भी वित्तविहीन शिक्षक का प्रस्ताव पुरस्कार के लिए समिति को नहीं भेजा गया। किसी भी शिक्षक ने इसके लिए आवेदन तक नहीं किया। जिले में लगभग 600 वित्तविहीन विद्यालय हैं। इनमें करीब दो हजार से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा ने कहा कि इन विद्यालयों के एक भी शिक्षक का प्रस्ताव विभाग को नहीं मिला है। मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए किसी भी शिक्षक ने आवेदन नहीं किया है। यह जनपद के लिए दुर्भाग्य की बात है।
जनपद के सभी शिक्षकों को हर माध्यम से संदेश दिया गया लेकिन कोई भी शिक्षक आवेदन किया ही नहीं। कई बार सूचना भी दी गई लेकिन मानकों को पूरा करने वाला कोई अध्यापक व प्रधानाचार्य नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि एक भी आवेदन नहीं किया गया।
-अनारपति वर्मा, संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ़ मंडल।