69000 भर्ती: मास्टरमाइंड के पास थे कई मुन्नाभाई: पेपर आउट से लेकर नकल तक का लेता था ठेका, सिंडिकेट की थीं गहरी जड़ें

झांसी। शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड डॉक्टर केएल पटेल ने पूरे बुंदेलखंड में अपना जाल फैला रखा था। सिंडिकेट से जुड़े गुर्गे सरकारी भर्तियां निकलते ही सक्रिय हो जाते थे और फॉर्म भरने वालों से संपर्क साधने लगते थे। डॉक्टर के पास कई मुन्नाभाई थे, जो परीक्षा में बतौर सॉल्वर बनाए जाते थे। पेपर आउट करने से लेकर नकल तक का ठेका लिया जाता था। बताया गया कि बुंदेलखंड के 100 से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए डॉक्टर के गुर्गों ने संपर्क साथा था। इसमें झांसी के गरौठा क्षेत्र में रहने बाला एक युवक भी 


शामिल है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 69000 शिक्षकों की भर्ती में फर्जीबाड़ा करने वाला मास्टरमाइंड झांसी के बंगरा ब्लॉक के प्राथमिक स्थास्थ्य केंद्र नोटा में मेडिकल ऑफिसर के पद पर साल 2017 से तैनात था। पिछले तीन सालों में डॉक्टर और फर्जीवाड़ा करने काले सिंडिकेट से जुड़े सदस्यों ने बहुत गहरी जड़ें कर ली थीं। शिक्षक भर्ती कराने के लिए गैंग के गुर्गों ने पूरे बुंदेलखंड के सौ से ज्यादा लोगों पर फंदा डालने की कोशिश की। इसमें से कई लोग गैंग के जाल में फंस भी गए। सूत्रों ने बताया कि इसमें गरौठा का रहने वाला केएल पटेल का जान-पहचान वाला युवक भी शामिल है। इससे भी शिक्षक बनाने के नाम पर

लाखों रुपये बसूले गए थे। एक-एक सदस्य से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 10 से 20 लाख रुपये तक ऐंठे गए। बताया गया कि आवेदक से अलग-अलग तरीके से सौदा तय होता था। सॉल्जर बैठाने, पेपप आउट और नकल कराने के लिए अलग-अलग दरें तय थीं। इसमें सबसे ज्यादा पैसा सॉल्वर बैठाने के लिए लिया जाता था।