69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने सरकार की तीन अपीलों को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए एकल पीठ के तीन जून के आदेश पर अपने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। न्यायालय ने सरकार को भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति भी दे दी है।
सभी पदों पर भर्ती नहीं: हालांकि सुप्रीम कोर्ट के 21 मई और नौ जून के शिक्षामित्रों से जुड़े आदेशों के मद्देनजर 37,339 पदों को छोड़कर बाकी पदों पर ही भर्ती प्रक्रिया हो सकेगी।
नोटिस भेजने का आदेश:यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने परीक्षा नियंत्रक प्राधिकरण की ओर से दाखिल अपीलों पर दिया। न्यायालय ने इन अपीलों में प्रतिवादी बनाए गए सभी अभ्यर्थियों को 10 दिनों में नोटिस भेजने का भी आदेश दिया है।
आदेश में कोर्ट ने कहा कि एकल पीठ ने रणविजय सिंह बनाम यूपी सरकार मामले में दिए अंतरिम आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के उस ऑब्जर्वेशन को स्वीकार किया कि परीक्षा के किसी प्रश्न पर शंका होने पर इसका लाभ परीक्षा प्राधिकरण को मिलना चाहिए। इसके बावजूद एकल पीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी और विवादित प्रश्न यूजीसी के समक्ष भेजने का आदेश दे दिया।
सभी पदों पर भर्ती नहीं: हालांकि सुप्रीम कोर्ट के 21 मई और नौ जून के शिक्षामित्रों से जुड़े आदेशों के मद्देनजर 37,339 पदों को छोड़कर बाकी पदों पर ही भर्ती प्रक्रिया हो सकेगी।
नोटिस भेजने का आदेश:यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने परीक्षा नियंत्रक प्राधिकरण की ओर से दाखिल अपीलों पर दिया। न्यायालय ने इन अपीलों में प्रतिवादी बनाए गए सभी अभ्यर्थियों को 10 दिनों में नोटिस भेजने का भी आदेश दिया है।
आदेश में कोर्ट ने कहा कि एकल पीठ ने रणविजय सिंह बनाम यूपी सरकार मामले में दिए अंतरिम आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के उस ऑब्जर्वेशन को स्वीकार किया कि परीक्षा के किसी प्रश्न पर शंका होने पर इसका लाभ परीक्षा प्राधिकरण को मिलना चाहिए। इसके बावजूद एकल पीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी और विवादित प्रश्न यूजीसी के समक्ष भेजने का आदेश दे दिया।