परिषदीय विद्यालयों में भी फर्जी नियुक्तियों का खेल

लखनऊ : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अनामिका शुक्ला के नाम से 25 शिक्षिकाओं के नौकरी करने का प्रकरण पुलिस जितना सुलझाने का प्रयास कर रही है, उतना यह उलझता जा
रहा है। प्रकरण में जैसे-जैसे पुलिस आगे बढ़ रही है, कुछ न कुछ नया राज उसके सामने समस्या बन कर खड़े हो जा रहे हैं। पुलिस अब तक अनामिका शुक्ला के नाम पर कुछ कथित शिक्षिकाओं को गिरफ्तार कर चुकी है। फर्जी नियुक्तियां कराने वाले गैंग के सरगना के भाई को भी पुलिस ने दबोच लिया है, लेकिन इसी के साथ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के अलावा अब परिषदीय विद्यालयों में भी भर्तियों में धांधलेबाजी की आशंका गहरा गई है।


अनामिका शुक्ला प्रकरण में एक-एक कदम आगे बढ़ाती पुलिस ने मैनपुरी से परिषदीय विद्यालय के एक फर्जी शिक्षक जसवंत को गिरफ्तार किया है। पुलिस का मानना है कि जसवंत का भाई पुष्पेंद्र ही फर्जी दस्तावेजों पर भर्ती गैंग का सरगना है। जसवंत फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कन्नौज के हरसेन ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक स्कूल रामपुर बरौली परिषदीय स्कूल में विभव कुमार के नाम से इंचार्ज प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है।