प्रयागराज : प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर हुए फर्जीवाड़े में अब कई कथित टॉपर स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के रडार पर आ गए हैं। कुछ अभ्यर्थियों से मिली शिकायत के आधार पर एसटीएफ लिखित परीक्षा में अधिकतम अंक पाने वालों के बारे में जानकारी जुटा रही है। भदोही के कई अभ्यर्थियों का विवरण जुटाया जा रहा है।
आरोप है कि सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सरगना डॉ. केएल पटेल ने धर्मेद्र और विनोद जैसे कई अभ्यर्थियों को पास करवाया है। एक-एक अभ्यर्थी से उसने आठ से 12 लाख रुपये तक वसूले हैं। सरगना के पास से पुलिस को एक डायरी भी मिली है, जिसमें 17 अभ्यर्थियों के नाम और अनुक्रमांक नंबर दर्ज हैं। बताते चलें कि सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी धर्मेद्र पटेल को 150 में 142 नंबर मिले हैं। पुलिस अफसरों के सामने वह भारत के राष्ट्रपति का नाम तक नहीं बता सका था। विनोद यादव को भी 123 नंबर मिले हैं। ऐसी ही जानकारियां सामने आने के बाद पुलिस कथित रूप से अन्य टॉपरों के बारे में भी तफ्तीश कर रही है। बताते चलें कि इस मामले में सरगना डॉ. केएल पटेल समेत 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि कई अभी फरार चल रहे हैं। मामला तूल पकड़ते देख प्रदेश सरकार ने एसटीएफ को जांच के लिए सौंप दिया था।
आरोप है कि सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सरगना डॉ. केएल पटेल ने धर्मेद्र और विनोद जैसे कई अभ्यर्थियों को पास करवाया है। एक-एक अभ्यर्थी से उसने आठ से 12 लाख रुपये तक वसूले हैं। सरगना के पास से पुलिस को एक डायरी भी मिली है, जिसमें 17 अभ्यर्थियों के नाम और अनुक्रमांक नंबर दर्ज हैं। बताते चलें कि सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी धर्मेद्र पटेल को 150 में 142 नंबर मिले हैं। पुलिस अफसरों के सामने वह भारत के राष्ट्रपति का नाम तक नहीं बता सका था। विनोद यादव को भी 123 नंबर मिले हैं। ऐसी ही जानकारियां सामने आने के बाद पुलिस कथित रूप से अन्य टॉपरों के बारे में भी तफ्तीश कर रही है। बताते चलें कि इस मामले में सरगना डॉ. केएल पटेल समेत 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि कई अभी फरार चल रहे हैं। मामला तूल पकड़ते देख प्रदेश सरकार ने एसटीएफ को जांच के लिए सौंप दिया था।