लखनऊ : 25 जिलों में अनामिका के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर केजीबी स्कूलों में अलग-अलग लड़कियों की नौकरी लगवाने वाले गैंग के पर्दाफाश के पुलिस काफी करीब पहुंच गई। पुलिस ने गुरुवार को गैंग की प्रमुख कड़ी और सरगना पुष्पेंद्र के बड़े भाई जसवंत को मैनपुरी से गिरफ्तार किया। जसवंत बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेज से शिक्षक बना हुआ है। वहीं, गैंग टॉपर की अंकतालिकाओं से फर्जी दस्तावेज तैयार कर नौकरी लगवाता था। पुष्पेंद्र की तलाश जारी है।
अनामिका प्रकरण में गुरुवार को कासगंज पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। अनामिका प्रकरण सामने आने के बाद कासगंज के फरीदपुर स्कूल में भी अनामिका शुक्ला नाम से नौकरी करती सुप्रिया निवासी कायमगंज मिली थी। फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड के तौर पर राज और नीतू अलग-अलग दो नाम प्रकाश में आए। कासगंज के एसपी सुशील घुले ने चार टीमों को लगाया। पूरे खेल के पीछे मैनपुरी के थाना भोगांव के गांव नगला खरा निवासी पुष्पेंद्र का नाम सामने आया, जो शिक्षिकाओं के बीच में राज, नीतू और गुरुजी के नाम से जाना जाता था।
सुप्रिया के पकड़े जाने के बाद से ही पुष्पेंद्र फरार हो गया। लेकिन, उसका बड़ा भाई जसवंत जाटव थाना सोरों पुलिस की पकड़ में आ गया। जसवंत कन्नौज के हरसेन ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक स्कूल रामपुर बरौली परिषदीय स्कूल में विभव कुमार के नाम से इंचार्ज प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है। विभव कुमार के दस्तावेज भी फर्जी बनाकर लगाए हैं। पुलिस की पूछताछ में जसवंत ने पुष्पेंद्र के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार करा कई जिलों में नौकरी लगवाने की बात स्वीकार की। एक से डेढ़ लाख रुपये में नौकरी लगवाने का धंधा सात वर्ष से चल रहा है। सबसे पहले दीप्ति सिंह के दस्तावेजों पर पूर्वांचल में एक महिला की कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में नौकरी लगवाई थी। एसपी सुशील घुले का कहना है कि यह एक पूरा गैंग है, अभी दो भाई प्रकाश में आए हैं जो फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रदेश भर में नौकरी लगवाने का काम करते हैं। पुष्पेंद्र की तलाश जारी है।
अनामिका मामले में गोंडा में जालसाजी का मुकदमा दर्ज: गोंडा में नगर कोतवाल आलोक राव ने बताया कि गुरुवार की शाम भुलईडीह गांव निवासी अनामिका शुक्ला ने कोतवाली पहुच कर तहरीर दिया, जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा रायबरेली में भी अनामिका शुक्ला को लेकर कुछ नए तथ्य सामने आए हैं। विभागीय पड़ताल के बाद तीन अनामिका शुक्ला के नाम सामने आए हैं। पहली अनामिका शुक्ला जिसके दस्तावेज लगाए गए हैं और पता मैनपुरी जिले का है। वहीं दूसरी ने काउंसिलिंग कराई। उसका आवेदन पत्र में फोटो भी लगा है। तीसरी अनामिका शुक्ला जिसने जिले में 12 महीने का मानदेय लिया। इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा का कहना है कि अनामिका प्रकरण की जांच चल रही है। उधर, अलीगढ़ पुलिस भी भी अब इस पूरे प्रकरण में आरोपितों के काफी करीब पहुंच रही है। जेंद्र सिंह की संविदा समाप्ति के आदेश किए गए हैं।
अनामिका प्रकरण में गुरुवार को कासगंज पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। अनामिका प्रकरण सामने आने के बाद कासगंज के फरीदपुर स्कूल में भी अनामिका शुक्ला नाम से नौकरी करती सुप्रिया निवासी कायमगंज मिली थी। फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड के तौर पर राज और नीतू अलग-अलग दो नाम प्रकाश में आए। कासगंज के एसपी सुशील घुले ने चार टीमों को लगाया। पूरे खेल के पीछे मैनपुरी के थाना भोगांव के गांव नगला खरा निवासी पुष्पेंद्र का नाम सामने आया, जो शिक्षिकाओं के बीच में राज, नीतू और गुरुजी के नाम से जाना जाता था।
सुप्रिया के पकड़े जाने के बाद से ही पुष्पेंद्र फरार हो गया। लेकिन, उसका बड़ा भाई जसवंत जाटव थाना सोरों पुलिस की पकड़ में आ गया। जसवंत कन्नौज के हरसेन ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक स्कूल रामपुर बरौली परिषदीय स्कूल में विभव कुमार के नाम से इंचार्ज प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है। विभव कुमार के दस्तावेज भी फर्जी बनाकर लगाए हैं। पुलिस की पूछताछ में जसवंत ने पुष्पेंद्र के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार करा कई जिलों में नौकरी लगवाने की बात स्वीकार की। एक से डेढ़ लाख रुपये में नौकरी लगवाने का धंधा सात वर्ष से चल रहा है। सबसे पहले दीप्ति सिंह के दस्तावेजों पर पूर्वांचल में एक महिला की कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में नौकरी लगवाई थी। एसपी सुशील घुले का कहना है कि यह एक पूरा गैंग है, अभी दो भाई प्रकाश में आए हैं जो फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रदेश भर में नौकरी लगवाने का काम करते हैं। पुष्पेंद्र की तलाश जारी है।
अनामिका मामले में गोंडा में जालसाजी का मुकदमा दर्ज: गोंडा में नगर कोतवाल आलोक राव ने बताया कि गुरुवार की शाम भुलईडीह गांव निवासी अनामिका शुक्ला ने कोतवाली पहुच कर तहरीर दिया, जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा रायबरेली में भी अनामिका शुक्ला को लेकर कुछ नए तथ्य सामने आए हैं। विभागीय पड़ताल के बाद तीन अनामिका शुक्ला के नाम सामने आए हैं। पहली अनामिका शुक्ला जिसके दस्तावेज लगाए गए हैं और पता मैनपुरी जिले का है। वहीं दूसरी ने काउंसिलिंग कराई। उसका आवेदन पत्र में फोटो भी लगा है। तीसरी अनामिका शुक्ला जिसने जिले में 12 महीने का मानदेय लिया। इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा का कहना है कि अनामिका प्रकरण की जांच चल रही है। उधर, अलीगढ़ पुलिस भी भी अब इस पूरे प्रकरण में आरोपितों के काफी करीब पहुंच रही है। जेंद्र सिंह की संविदा समाप्ति के आदेश किए गए हैं।