BEO सुनिश्चित करें फर्जी शिक्षक कहीं नौकरी न कर रहे हों, होंगी गिरफ्तारियां: फर्जी शिक्षकों के स्कूलों में पढ़ाने पर लगाई जाए रोक

 Etah: परिषदीय स्कूलों में फर्जी तरीके से बीएड की डिग्री लगा कर नौकरी पाने वाले 120 शिक्षक वर्ष 2019 में ही बर्खास्त किए जा चुके थे, अब जबकि अदालत का आदेश आ गया है, पूर्व की बर्खास्ती का आदेश बहाल माना गया है। वहीं दिसंबर 19 में इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उसमें चार्जशीट लगने के बाद इनकी

गिरफ्तारी होंगी। जबकि राहत की बात यह है कि कोर्ट ने इनकी रिकवरी न करने के आदेश दिए हैं। वहीं बीएसए संजय सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कि है कि अदालत के आदेश पर बर्खास्त शिक्षकों को चिह्नित कर लिया जाए कि कहीं वह स्कूलों में पढ़ा तो नहीं रहे हैं या वेतन तो प्राप्त नहीं कर रहे हैं, यदि ऐसा हो तो तत्काल रोक लगाई जाए।



बीएड की फर्जी डिग्री धारक शिक्षकों से रिकवरी पर रोक लग गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन शिक्षकों से रिकवरी नहीं की जाएगी। इन शिक्षकों की पिछले वर्ष ही सेवा समाप्त कर दी गई है। वहीं एफआईआर दर्ज होने के बाद अभी तक किसी शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बीएसए संजय सिंह ने बताया कि दिसंबर 2019 में 120 शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वहीं अप्रैल 2020 में छह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। वहीं 114 शिक्षक कोर्ट की शरण में चले गए हैं जहां से उन्हें राहत नहीं मिल पाई है।

34 शिक्षकों की हो रही जांच
साल 2005 के बीएड धारक शिक्षकों में से 34 शिक्षक ऐसे हैं जिनकी जांच की जा रही है। कोर्ट ने भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा को जांच करने के लिए चार माह का समय दिया है। जिसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
नवंबर 19 का आदेश प्रभावी
जिले में 120 शिक्षकों को नवंबर 19 में बर्खास्त किया गया था। आदेश में स्पष्ट लिखा गया था कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में अंतिम निर्णय कोर्ट का माना जाएगा। अब जबकि अदालत ने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं, ऐसे में नवंबर 19 का आदेश स्वत: बहाल मानते हुए यह बर्खास्त माने जाएंगे। वहीं जिन 34 शिक्षकों की मार्कसीट टेंपर्ड हैं उनकी जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा।
संजय सिंह, बीएसए