आगरा : डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 का फर्जी प्रमाणपत्र लगाने वाले जिले के 168 और परिषदीय शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार
यादव ने इस संबंध में आदेश जारी किया। शिक्षकों को रजिस्टर्ड डाक से सेवा समाप्ति का पत्र भेज दिया गया है।जिले में एसआईटी की सूची के आधार पर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी व टेपर्ड प्रमाणपत्र लगाने वाले कुल 249 शिक्षक चिह्नित किए गए थे। इनमें से 195 शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्र और 54 टेंपर्ड प्रमाणपत्र वाले थे।
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सात फरवरी, 2020 को 2823 अभ्यर्थियों को फर्जी घोषित किया गया। विश्वविद्यालय की सूची से बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से चिह्नित शिक्षकों के नामों का मिलान किया गया। 24 शिक्षकों के नाम दोनों सूचियों में पाए गए, इनकी 12 मई, 2020 में इनकी सेवा समाप्त कर दी गई। उनके खिलाफ एक जुलाई, 2020 को शाहगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज करा दी गई थी।
जिले के 171 शिक्षक बचे थे, इनका नाम 2823 फर्जी घोषित अभ्यर्थियों की सूची में नहीं था। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना पक्ष रखने वाले 814 अभ्यर्थियों में से दो को छोड़कर बाकी 812 को 29 जुलाई को फर्जी घोषित कर दिया था। 26 फरवरी, 2021 को जारी हाईकोर्ट के आदेश के साथ विश्वविद्यालय की ओर से दूसरे चरण में फर्जी घोषित किए गए 812 अभ्यर्थियों की सूची भी संलग्न थी। इस सूची से मिलान करने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बुधवार को 168 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी।