गुलमर्ग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि खेल ऐसा क्षेत्र बन गया है जो आज की दुनिया में देश की छवि और देश की शक्ति का परिचय कराता है। इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को बहुत महत्व दिया जा रहा है।
पहले खेल को अतिरिक्त गतिविधियों (एक्स्ट्रा क्यूरिक्यूलर एक्टिविटी) का हिस्सा माना जाता था, लेकिन अब यह पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा होगा। इसकी ग्रेडिंग बच्चों की शिक्षा में गिनी जाएगी। स्पोर्ट्स साइंस और स्पोर्ट्स मैनेजमेंट भी संस्थानों तक ले जाया जाएगा। यह खेलों और विद्याíथयों के लिए एक बहुत बड़ा फैसला है। देश के प्रत्येक जिले में केंद्र सरकार खेलो इंडिया केंद्र बना रही है। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को भी नया उत्साह देखने को मिलेगा।
बारामुला जिले के गुलमर्ग में शीतकालीन खेलों का ई-उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि खिलाड़ी जब भी मैदान में उतरें तो याद रखें कि वे इन खेलों का हिस्सा ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के ब्रांड भी हैं। आपके खेल से दुनिया में भारत को पहचान मिलती है, जब आप खेल के मैदान पर होते हैं तो आप अकेले नहीं, बल्कि 130 करोड़ देशवासी आपके साथ होते हैं। खेलो इंडिया-शीतकालीन खेलों के दूसरे संस्करण के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता खेल मंत्री किरन रिजिजू ने की। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान भी मौजूद रहे।
नई बुलंदी छूने को तैयार जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में खेलों के विकास के लिए कार्यो का उल्लेख करते मोदी ने कहा कि जम्मू व श्रीनगर में दो खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश के सभी 20 जिलों में खेलो इंडिया केंद्र बनेंगे। दो मार्च तक चलने वाले इस शीतकालीन खेल महोत्सव में देश के करीब 1200 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इसकी अहमियत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खेल जम्मू-कश्मीर में नया स्पोर्टिग इको सिस्टम विकसित करने में मदद करेंगे। इससे जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को भी नया उत्साह देखने को मिलेगा।