बेसिक के बर्खास्त शिक्षक सुप्रीम कोर्ट जाने की कर रहे तैयारी

 कासगंज: जिले में बर्खास्त हुए शिक्षक विभाग की कार्रवाई के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना रहे हैं। इस संबंध में अधिवक्ताओं से कानूनी राय ले रहे हैं। शिक्षक हाईकोर्ट में भी पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं।



बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले के 65 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। उआरोप हैं कि उक्त सभी ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी। विभाग ने शिक्षकों के वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दी है। सभी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है। यह निर्णय विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लिया है। अब सभी बर्खास्त शिक्षक समूह बनाकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। इन लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में इस निर्णय के खिलाफ अपील करेंगे। यह भी संभव है कि हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करें। यह है बर्खास्तगी का मामला चार वर्ष पूर्व नियुक्ति पा चुके कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत विभाग को मिली थी। प्रदेश स्तर पर गठित एसआईटी ने इसकी जांच की। इसमें कासगंज जिले के 91 शिक्षक के विभिन्न प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे। इस पर शिक्षा विभाग ने उक्त शिक्षकों को निलंबित कर दिया। सभी शिक्षक हाईकोर्ट से कार्रवाई के विरोध में स्टे ले आए। इसके बाद उक्त शिक्षकों की बहाली हो गई। इसके बाद जब सुनवाई हुई तब हाईकोर्ट ने शिक्षकों को अयोग्य घोषित कर विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी मामले में बीएसए अंजलि अग्रवाल ने 65 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। शेष शिक्षकों की अभी विभागीय जांच जारी है। यह तर्क दे रहे बर्खास्त शिक्षक

बर्खास्त शिक्षक अतुल भदौरिया का कहा है कि संबंधित महाविद्यालय या फिर यूनिवर्सिटी ने उनकी परीक्षा कराई, परिणाम आया, प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिनके आधार पर नौकरी मिली। प्रमाण पत्रों की जांच विभाग को प्रारंभिक दौर में ही करनी चाहिए। यदि प्रमाण पत्र फर्जी थे, तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वहीं देवेंद्र कुमार का कहना है कि संबंधित विभाग भी इसके लिए दोषी है। विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। नहीं मिले बर्खास्तगी पत्र

बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। हालांकि, अभी तक शिक्षकों के पास बर्खास्तगी के लेटर नहीं पहुंचे हैं। कार्यालय से बर्खास्तगी के पत्र जारी कर दिए गए हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को इसके वितरण की जिम्मेदारी दी गई है। दो से तीन दिनों में बर्खास्त शिक्षकों के विरुद्ध संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी मुकदमा भी पंजीकृत करा देंगे।
- अंजलि अग्रवाल, बीएससी