इस वर्ष 12वीं बोर्ड के छात्रों के परीक्षा परिणाम दसवीं बोर्ड के नतीजे, 11वीं की फाइनल परीक्षा परिणाम और बारहवीं की प्री बोर्ड परीक्षा के परिणामों को मिलाकर ही तैयार हो सकता है।
तीनों परीक्षाओं का औसत मिलाकर बारहवीं के महज 70 प्रतिशत नतीजे होंगे। शेष तीस प्रतिशत परिणाम बारहवीं की प्रैक्टिकल परीक्षा का होगा, जो लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही करा ली गई थी।
जिन विषयों में प्रैक्टिकल परीक्षा नहीं होती, उनमें 10वीं बोर्ड, 11वीं फाइनल और 12वीं की प्री बोर्ड के परिणामों का औसत ही 12वीं बोर्ड की परीक्षा का 100 प्रतिशत परिणाम होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 4 जून को 12वीं के नतीजे तैयार करने की प्रक्रिया वाली 12-सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
समिति में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विपिन कुमार, दिल्ली के शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय, केंद्रीय विद्यालय संगठन की आयुक्त निधि पांडे, नवोदय विद्यालय समिति के आयुक्त विनायक गर्ग, यूजीसी के प्रतिनिधि, विभिन्न स्कूलों के दो प्रतिनिधि, एनसीईआरटी के प्रतिनिधि, सीबीएसई के आईटी निदेशक डॉक्टर अंतरिक्ष जौहरी और सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ संयम भारद्वाज शामिल हैं।
परीक्षा का विकल्प भी
जिन छात्रों को मूल्यांकन की प्रक्रिया स्वीकार्य नहीं है, उनके पास कोविड की स्थिति ठीक होने पर परीक्षा देने का विकल्प भी मिलेगा।
ग्रेडिंग भी विकल्प
समिति के कुछ सदस्यों का मानना था कि इस बार 12वीं के मूल्यांकन में अंक देने के बजाय दसवीं की तरह ग्रेड दिए जाएं।
12वीं के प्रैक्टिकल, आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलोड करने की अंतिम तिथि 28 जून तक बढ़ी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए व्यावहारिक / आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलोड करने की अंतिम तिथि 28 जून तक बढ़ा दी है। जिन स्कूलों का व्यावहारिक/आंतरिक मूल्यांकन लंबित है उनको केवल ऑनलाइन मोड में संचालित करने की अनुमति है। बता दें कि 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई बोर्ड की बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया था।