लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न विभागों में वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित होने का इंतजार है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव से इस संबंध में पूर्व में बनी सहमति पर कार्यवाही की मांग की है।
प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगर, निगम, सचिवालय, परिवहन निगम, वन, पंचायतीराज व अन्य विभागों में बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने मुख्य सचिव आरके तिवारी को पत्र लिखकर बताया है कि संविदा कर्मियों को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के स्तर पर चर्चाएं होतीरही हैं। 28 अक्तूबर 2020 को मुख्य सचिव के साथ परिषद के प्रतिनिधियों को बैठक में अगस्त- 2013 तक नियुक्त संविदा कर्मियों को नियमित करने पर सहमति भी बनी थी। कट ऑफ डेट शासन के 30 अगस्त 2013 के एक निर्देश पर आधारित है जिसमें वित्त विभाग ने सभी विभागों को संविदा कर्मियों की नियुक्ति पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा है कि इस आदेश के बावजूद 30 अगस्त 2013 के बाद भी विभिन्न विभागों ने नियम विरुद्ध संविदा पर नियुक्ति की है। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में बेतन समिति-2016 की संस्तुतियों का लाभ भी नहीं मिला है। तिवारी ने मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि शासन से स्वीकृत पद के सापेक्ष अर्हताएं पूरी करने वाले उन सभी संबिदा कर्मियों को तत्काल नियमित किया जाए जो तीन वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं। उन्होंने अपर मुख्य सचिव वित्त व अपर मुख्य सचिव कार्मिक को भी यह पत्र भेजा है।