शिक्षकों के समर्थन में उतरा कर्मचारी महासंघ, 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन सहित कई तरह के भत्तों को देने की मांग

 शिक्षक कर्मचारी समन्वय समिति की ओर से लिये गये निर्णय के समर्थन में उत्तर प्रदेश कर्मचारी महासंघ ने अपनी मांगों के लिए आवाज उठाई है। संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित अपनी मांगों का पत्र जिलाधिकारी की गैर मौजूदगी में नगर मजिस्ट्रेट दिया है।



महासंघ की मांग है कि कोरोना काल में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को असाधरण पेंशन दी जाए। नई पेंशन से आच्छादित वर्ष 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों एवं शिक्षकों को टियर-1 खाते में जमा धनराशि सभी लाभों के साथ एफडी के तौर पर तत्काल परिवार को दिया जाए। कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हुए कर्मचारियों एवं शिक्षकों को शत-प्रतिशत धनराशि प्रदान की जाए। पंचायत चुनाव के दौरान शहीद कर्मचारियों और शिक्षकों के परिवारों को कम से कम एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। महासंघ ने कहा कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए हम सरकार पर दबाव बनायेंगे और उसे झुकायेंगे। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के संरक्षक एसपी सिंह एवं अध्यक्ष कमलेश मिश्र के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधि ने मांगों का ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट शशिभूषण को दिया। प्रतिनिधि मंडल में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं कृषि मिनिस्ट्रियल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एसपी त्रिपाठी, सिंचाई विभाग मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामलाल यादव, राजकीय प्रेस मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिराज भट्ट, सेवा योजन मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के महामंत्री अमित यादव, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र श्रीवास्तव, श्रमिक महासंघ के प्रदेश महामंत्री रामभजन मौर्य आदि मौजूद रहे।