परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट रहने वाले अभ्यर्थियों को अगले साल बोर्ड परीक्षा देने का मिलेगा मौका

 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की होने वाली परीक्षाओं को इस बार रद्द कर दिया गया है। सरकार की तरफ से परीक्षा को रद्द किए जाने के बाद अब परिणाम को लेकर गहन चर्चा चल रही है। बोर्ड की तरफ से सरकार, शिक्षक विधायक, प्रधानाचार्य और शिक्षक सहित अभिभावकों व छात्रों से भी फीडबैक मांगा गया है। वहीं, रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया है इस बार मेरिट सूची नहीं जारी की जाएगी।



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड की वजह से यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार कोई मेरिट सूची घोषित नहीं की जाएगी। यही नहीं बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि इन कक्षाओं के परिणाम से असंतुष्ट छात्रों को स्थिति में सुधार होने पर परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें अपने अंक बढ़ाने का उचित मौका मिल सकें। हालांकि, अभी इस विषय पर कोई भी आदेश नहीं जारी किया गया है, लेकिन अभ्यर्थियों को सरकार की तरफ से मौका दिया जाएगा। जल्द इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा। सीएम ने बताया कि इस बार छात्रों को अंक पिछली कक्षा में प्राप्त अंकों और पहले आयोजित किए गई प्री-बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर दिए जाएंगे। ऐसे में मेरिट नहीं जारी की जाएगी। 

बच्चों को दिया जाएगा विकल्प

परीक्षा रद्द होने की वजह से बहुत से अभ्यर्थी परेशान है। उन लोगों का कहना है कि हमारे साथ में अन्याय किया गया है। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा विभाग इन लोगों को मौका देने जा रहा है। यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, हम छात्रों को एक विकल्प दे रहे हैं कि यदि वे रद्द की गई परीक्षा के अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, तो बोर्ड होने वाली बोर्ड परीक्षा में बैठ सकते हैं। उन्हें अगले साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की होने वाली परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की अनुमति दी जाएगी।

अंक तय करने के लिए समिति का गठन

इस बार बच्चों को अंक कैसे दिए जाए, इसके लिए समिति का गठन किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति विभिन्न हितधारकों के साथ बैठके करेगी और रद्द परीक्षाओं के लिए छात्रों को अंक देने के तौर-तरीकों पर काम करेगी। अंकों के निर्धारण के संबंध में अभिभावकों, शिक्षकों, शिक्षाविदों और आम जनता से लगभग अब तक 4,000 सुझाव प्राप्त हुए हैं। यही नहीं, काफी छात्रों ने परीक्षा को लेकर रचनात्मक सुझाव भी दिए है। बता दें, इस बार परीक्षा में परीक्षा में 56 लाख (56,04,628 सटीक) छात्र बैठने वाले थे। इस बार हाईस्कूल के 40 और इंटरमीडिएट के 106 विषयों पर चर्चा हुई। इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने भी माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों से भी महत्वपूर्ण चर्चा की थी।