जो मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप हम मिनटों में खरीदते हैं उसे खरीदने में बेसिक शिक्षा विभाग ने दो वर्ष निकाल दिए। बीते दिनों समग्र शिक्षा अभियान की सभी के लिए शिक्षा परियोजना परिषद की कार्यकारी समिति की बैठक
में एक बड़े अधिकारी ने यह टिप्पणी विभाग के अधिकारियों पर की... वर्ष 2019 से 1.59 लाख सरकारी प्राइमरी स्कूलों के लिए खरीदे जा रहे टैबलेट अभी तक खरीदे नहीं जा सके हैं। मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने नाराजगी जताई है कि दो वर्ष बीत गए और विभाग टेंडर पूरा नहीं कर पा रहा है। मामला सरकारी स्कूलों में दिए जाने वाले टैबलेट का है... जिससे शिक्षकों की बायोमीट्रिक हाजिरी लो जानी है। इस प्रयोग को विभाग हमेशा गेम चेंजर कहता रहा है कि इससे शिक्षकों के स्कूल से गायब होने वाली शिकायतों का खात्मा हो जाएगा लेकिन इस गेम चेंजर के लिए जरूरी टैबलेट दो साल में नहीं खरीद पाया।इन्हें मिलेगा टैबलेट
योजना के तहत 1,59,043 हेडमास्टरों को टैबलेट दिया जाएगा। वहीं 880 टैबलेट ब्लॉक रिसोर्स सेंटर 4400 टैबलेट एबीआरसी को दिये जाएंगे। राज्य स्तर पर इसका कंट्रोल रूम बनाया जाएगा और जिला स्तर पर भी कंट्रोल रूम तैयार होगा।
यह होगा फायदा
शिक्षकों की बायोमीट्रिक हाजिरी प्रदेश के हर स्कूल की जियो टैगिंग है, यानी उस स्कूल का अक्षांश और देशांतर के साथ हाजिरी दर्ज होगी किसी दूसरी जगह से यह हाजिरी नहीं लगाई जा सकेगी।
• स्कूल में होने वाले सभी काम मसलन मिशन प्रेरणा के तहत भेजी जाने वाली रिपोर्ट इससे भेजी जा सकेंगी
• मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों के आवेदन पत्रों का निस्तारण समय से होगा
• दीक्षा एप समेत अन्य एप डाउनलोड कर बच्चों के शिक्षण में होगा इस्तेमाल