मोहम्मदी खीरी । उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रदेश के 29000 अनुदेशकों ने योगी सरकार से नियमित करने की मांग को लेकर विगत 15 दिनों से लगातार ट्विटर पर आवाज उठा रहे हैं। अनुदेशको में ट्विटर कंट्रोल रूम के नाम से पांच अनुदेशकों की टीम इसे संचालित कर रही है जिसके आवाहन पर पूरे प्रदेश के अनुदेशक सप्ताह में तीन बार ट्विटर पर नियमितीकरण को लेकर आवाज उठा रहे है ।
ट्विटर कंट्रोल टीम में लखीमपुर खीरी से सचिन दीक्षित व मुकेश तोमर, हरदोई से अवनीश गौड़, सीतापुर से अतीक अंसारी, प्रयागराज से कला की प्रसिद्ध अनुदेशिका केएल भास्कर तथा जालौन से सागर शर्मा है। अनुदेशकों की इस कंट्रोल टीम से सचिन दीक्षित ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में अनुदेशकों की नियुक्ति 2013 में केंद्र सरकार की अनुमति से मानदेय 7000 रुपए पर की गई थी। इसके बाद सरकार ने मानदेय बढ़ाकर 8470 रुपए कर दिया। 2017 में योगी सरकार ने मानदेय 17000 रुपए का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा, जिसे केंद्र ने स्वीकृति दे दी, परंतु दुख इस बात का है कि आज साढ़े चार वर्ष हो गए लेकिन राज्य सरकार ने अनुदेशकों को बढ़ा मानदेय नहीं दिया, जबकि उच्च न्यायालय ने दो बार बढ़े मानदेय को देने का आदेश भी किया। अनुदेशकों का कहना है कि योगी सरकार बल्कि घटाकर 7000 रुपए देने लगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुदेशकों को 2019 में ही नियमित करने का वादा भी किया था, परन्तु अभी तक नहीं किया गया। सरकार के छह महीने शेष है, जिसमें कर्मचारियों के धरना करने पर एस्मा का आदेश जारी कर दिया गया । तो ऐसे में अनुदेशकों ने सोशल साइट्स पर अपनी मांग को पुरजोर तरीके से उठाना शुरू कर दिया है।