- आउटसोर्सिंग कर्मियों का 2325 रुपये तक मानदेय बढ़ा
- बिना मान्यता चल रहे प्राथमिक विद्यालयों पर होगी कार्रवाई
- राज्यकर्मी की तलाकशुदा पुत्री को पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था बदली
- बाँदा : विद्यालयों के समय में परिवर्तन आदेश जारी
- महोबा : विद्यालयों के समय में परिवर्तन आदेश जारी
- विद्यालय में लंबे समय से अनुपस्थित शिक्षिका पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, पढ़े पूरी खबर
- परीक्षा ड्यूटी से 12 शिक्षक गैरहाजिर, कार्रवाई की संस्तुति
- लंबित समस्याओं को लेकर शिक्षकों, शिक्षामित्रों ने सांसद-विधायक को सौंपा ज्ञापन
- शिक्षकों की कमी से परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई हो रही प्रभावित, नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत में ही दिक्कत
- यूपी: कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों को अब 15 हजार रुपये की जगह 25 हजार मिलेंगे
- विद्यालय व परीक्षा दोनों से गायब रहे 60 शिक्षक, होगी कार्रवाई
- शिक्षामित्र बनने के लिए लगाई फर्जी मार्कशीट, मिली चार साल की सजा, पढ़िए पूरा मामला
याचिका पर प्रशासन से जवाब मांगा है। सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने देवेंद्र पाल सिंह व 16 अन्य कर्मियों की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने बहस की। इनका कहना है कि याचीगण कई वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। चतुर्थ श्रेणी से कंप्यूटर सहायक पद पर प्रोन्नति के लिए 2020 में अधिसूचना जारी की है। उसे नियमों में बदलाव के कारण निरस्त कर दिया गया। कहा गया कि कंप्यूटर की जानकारी आवश्यक है। साथ ही ट्रिपल सी जरूरी है। 28 सितंबर, 2021 को पुन: अधिसूचना जारी की गई। 17 याचियों में से 11 ने दिसंबर 21 तक ट्रिपल सी डिप्लोमा कोर्स कर लिया है। कोर्ट ने कि महानिबंधक एक अधिकारी तैनात करे जो तीन बजे तक प्रमाणपत्र की जांच कर लें।