1प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में घट रही छात्र संख्या से जूझ रही है। अब छात्र संख्या बढ़वाने में सीधे शिक्षकों को जोड़ा गया है। जिले के अंदर समायोजन व पारस्परिक स्थानांतरण आदेश में एक ओर शिक्षकों को खुश करते हुए 30 सितंबर, 2017 की छात्र संख्या को आधार बनाया गया है, वहीं दूसरी ओर आरटीई एक्ट 2009 के तहत स्कूलों में शिक्षकों का पद निर्धारण किया गया है। नए सिरे से हुआ पदों का निर्धारण शिक्षकों को एक तरह से अलर्ट कर रहा है कि वे छात्र संख्या पर गंभीर हो जाएं, अन्यथा अहम पद आगे नहीं रह सकेंगे। 1एक्ट से तमाम स्कूलों में पद गुम : आरटीई एक्ट 2009 में प्राथमिक स्कूल में 150 व उच्च प्राथमिक में 100 से कम छात्र संख्या पर प्रधानाध्यापक नहीं होगा। परिषद ने इसी के अनुरूप पद निर्धारण कर दिया है। इससे अधिकांश स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद शून्य हो गया है। हालांकि यह भी निर्देश दिया है कि पहले से सृजित पदों पर कार्यरत प्रधानाध्यापकों को हटाया नहीं जाएगा।
- कार्यरत प्रधानाध्यापक अभी हटेंगे नहीं, आगे पद बना रहने पर संशय
- सिर्फ छात्र संख्या बढ़ाकर ही स्कूलों में बचाया जाएगा अहम पद
परिषदीय स्कूलों की स्थिति
प्राथमिक - 1,13249
उच्च प्राथमिक - 45701
कुल - 1,58950
पदोन्नति प्रक्रिया पर होगा असर
आरटीई एक्ट 2009 का सीधा असर शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पर पड़ेगा। नियम है कि प्राथमिक स्कूल के शिक्षक की तय सेवा अवधि पूरी होने पर प्राथमिक का प्रधानाध्यापक या उच्च प्राथमिक का सहायक अध्यापक बनता है। उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापक बनने में वहां के वरिष्ठ शिक्षकों को मौका मिलता है। छात्र संख्या कम होने पर पदोन्नतियां नहीं हो सकेंगी।
सहा. अध्यापक का बन रहा ब्योरा
परिषदीय स्कूलों के सहायक अध्यापकों का ब्योरा भी नए एक्ट के अनुरूप बन रहा है। जल्द ही छात्र और शिक्षक अनुपात के अनुरूप आकड़ा सामने होगा कि शिक्षक कम हैं या फिर ज्यादा। इससे आगामी भर्तियों की तस्वीर भी साफ होगी। पिछले वर्ष बेसिक शिक्षा विभाग ने 65 हजार शिक्षक अधिक होने का दावा किया था।