लखनऊ. शिक्षामित्रों के लिये खुशखबरी है। जल्द ही शिक्षामित्रों का
मानदेय 10 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर कम से कम 30 हजार रुपये प्रतिमाह
किया जा सकता है।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने
शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाये जाने की संभावनाओं पर काम शुरू कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार शिक्षामित्रों को
मानदेय में इजाफे का तोहफा दे सकती है।
शिक्षामित्रों की समस्या सुलझाने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
आदेश पर उपमुख्मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की
गई, जो शिक्षामित्रों और सुप्रीम कोर्ट के बीच का रास्ता तलाश रही है।
कमेटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को प्रभावित किये बिना शिक्षामित्रों को बड़ी
राहत देने की तैयारी में है। इसकी कवायद तेज हो गई है। न्याय विभाग और
वित्त विभाग से शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की संभावनाओं पर राय मांगी
है। इसके अलावा सरकार उन विकल्पों पर भी विचार कर रही है, जो फॉर्मूले
शिक्षामित्र संगठनों की ओर से सरकार को दिये गये हैं।
अलग-अलग राज्यों में शिक्षामित्रों को अलग-अलग वेतन
शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त कर चुकी है। छत्तीसगढ़ और
मध्य प्रदेश में शिक्षामित्रों के समायोजन का आदेश जारी हो चुका है। संगठन
पदाधिकारियों ने कहा कि देश के कई राज्यों में शिक्षामित्रों का मानदेय
काफी ज्यादा है। हरियाणा में शिक्षामित्रों को 22 हजार रुपये प्रतिमाह,
महाराष्ट्र में 35 हजार रुपये प्रतिमाह, बिहार में 19 से 22 हजार रुपये
प्रतिमाह, झारखंड में 30 हजार रुपये प्रतिमाह, दिल्ली में 32 हजार रुपये
प्रतिमाह, हिमाचल प्रदेश में 21,400 रुपये प्रतिमाह मानदेय हर महीने दिया
जाता है। जबकि, उत्तर प्रदेश में 10 हजार रुपये प्रतिमाह ही वेतन मिलता है,
वो भी 11 महीनों के लिये।
आंदोलन की राह पकड़े हैं शिक्षामित्र
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक
अध्यापक के पद से रद्द कर उन्हें 3500 रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर वापस
नियुक्त किया था। शिक्षामित्रों के आंदोलन के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने
इनका मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया। मूल विद्यालय में
तैनाती का फैसला भी शिक्षामित्रों की नाराजगी खत्म नहीं कर सका। नतीजन
नाराज शिक्षामित्र अभी भी आंदोलन की राह पर हैं। राजधानी में बीते दिनों
महिला शिक्षामित्रों ने भी बाल मुंडवाकर योगी सरकार से नाराजगी जताई थी।
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