देहरादून। राज्य में सहायक अध्यापक के पद पर स्थाई नौकरी की मांग कर रहे शिक्षा मित्रों को सरकार की ओर से एक बड़ा झटका दिया गया है। सरकार ने साफ कह दिया है कि बिना टीईटी पास किए किसी भी शिक्षामित्र को स्थाई नहीं किया जाएगा।
इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का भी कहना है कि वर्तमान में बेसिक शिक्षक के लिए अन्य शैक्षिक योग्यता के साथ टीईटी होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि पहले जो भी शिक्षामित्र स्थाई किए गए हैं उन्हें कोर्ट के आदेश पर सशर्त ऐसा किया गया है।
गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षामित्र काफी समय से सहायक शिक्षकों के पदों पर स्थाई किए जाने की मांग कर रहे हैं। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि बिना टीईटी पास किए शिक्षामित्रों को स्थाई नहीं किया जाएगा। सरकार के इस रवैये पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। बेरोजगार संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 20 दिनों के अंदर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।
यहां बता दें कि अभी हाल ही में शिक्षा मंत्री ने माध्यमिक शिक्षकों की मांगों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। शिक्षामित्रों पर सरकार के इस रुख के बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि बेरोजगार संघ सीसीसी की अनिवार्यता खत्म करने, परीक्षाओं के परिणाम जारी करने और परीक्षा संपन्न कराने में हो रही देरी को लेकर अपनी मांग उठा रहे हैं।
गौर करने वाली बात है कि स्थाई करने की मांग को लेकर कई दिनों से शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन कर रह शिक्षकों का कहना है कि राज्य में 900 शिक्षा मित्र ऐसे भी हैं जो 15 हजार रुपये मासिक मानदेय पर काम कर रहे हैं। इन्होंने इग्नू के जरिए डीएलएड कर लिया है लेकिन टीईटी नहीं कर पाए हैं। संघ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि डीएलएड कर चुके शिक्षा मित्रों के पहले बैच को स्थाई किया जा चुका है लेकिन बाकी के 900 शिक्षामित्रों को स्थाई करने में आनाकानी की जा रही है।
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