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जिले में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह सक्रिय है। यह जिले में नहीं यहां से बाहर भी नौकरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। संपूर्णनंद, भोपाल व डाक्टर भीमराव अंबेडकर विश्व विद्यालय आगरा में अच्छी पैठ होने के कारण माफिया लाखों रुपये अब तक बेरोगार युवकों से वसूल चुका है। इसी रुपये के दम पर इसका क्षेत्र में दबदबा है। सपा नेता के परिवार से भी संबंध होने के कारण माफिया के खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। सूत्रों की माने तो वर्ष 2015 में शिक्षक भर्ती के दौरान करीब 11 अभ्यर्थियों ने फर्जी मार्कशीट का प्रयोग किया था। काउंस¨लग के दौरान उनको पकड़ लिया। सभी के खिलाफ डीएम ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया था, लेकिन माफिया का शिक्षा विभाग में पैठ होने के कारण उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो तीन दिनों तक मामला तूल पकड़े रहा। इसके बाद शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी ने माफिया के लोगों से पकड़ी मार्कशीट को लौटा दिया। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं हुई। इसके बाद माफिया ने पुलिस भर्ती परीक्षा में लोगों को अपना शिकार बनाया। अब वह लोग भी पकड़ गए है। इससे माफिया दहशत में आकर खुद को पुलिस से बचाता फिर रहा है।
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