अलीगढ़ : कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को
बाबू के काम में लगा दिया गया है। यहां तक कि बीएसए दफ्तर में भी बाबू का
काम शिक्षक ही कर रहे हैं। कार्यालय में ऊपर से नीचे तक कई शिक्षक दफ्तर के
काम करने को अटैच कर रखे हैं।
इसके अलावा कई बीआरसी पर भी तमाम शिक्षकों
को बाबू का काम सौंपा गया है। शासन के आदेश हैं कि शिक्षकों का अटैचमेंट
खत्म किया जाए। हैरानी की बात है कि इन बाबुओं के कहीं हस्ताक्षर भी नहीं
कराए जाते। शिक्षकों के अलावा इस काम में चतुर्थश्रेणी कर्मी भी लगाए गए
हैं। उनको तमाम गोपनीय व महत्वपूर्ण कार्य सौंप दिए गए हैं। इनकी आड़ में
शिक्षकों, कर्मचारियों व जरूरतमंदों से धन की उगाही की जाती है।
चतुर्थश्रेणी कर्मी को विभाग व शिक्षकों के गोपनीय कार्य सौंपना न्याय व
कानून संगत नहीं है। मगर अफसरों की नाक के नीचे और खुद उनकी मर्जी से ही ये
खेल पूरे जिले में खेला जा रहा है। जिले में लगभग 100 से ज्यादा शिक्षक
बाबूगीरी में लगे हुए हैं। यह कहना है उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल
शिक्षक संघ के जिला महामंत्री इंद्रजीत सिंह का। उन्होंने बताया कि इस
संबंध में पूर्व में भी कई बार अटैचमेंट खत्म करने की मांग संघ की ओर से की
गई, लेकिन स्थिति जस की तस है।
जानकारी मिली तो होगी कार्रवाई
बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि जिले में कहीं भी लिखित तौर
पर या कागज पर किसी शिक्षक को बाबू के काम में अटैच नहीं किया गया है। अगर
इसकी शिकायत कहीं से भी मिलती है तो उसको तत्काल बैक किया जाएगा। कार्यालय
में किसी शिक्षक को बाबू पद पर अटैच नहीं किया गया है।
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